बहराइच; आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग; बच्चों की मूत्र भिगोई जिससे भेड़िये इनकी तरफ खींचे चले आएं

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ख़बर रफ़्तार, बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पिछले कुछ महीनों से ग्रामीणों पर हमला कर रहे आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग बच्चों की मूत्र में भिगोई गई रंग-बिरंगी गुड़ियों का इस्तेमाल कर रहा है। इन ‘टेडी डॉल’ को दिखावटी चारे के रूप में नदी के किनारे भेड़ियों के आराम स्थल और मांद के पास लगाया गया है। ‘टेडी डॉल’ को बच्चों की पेशाब से भिगोया गया है, ताकि इनसे बच्चों जैसी गंध आए और भेड़िये इनकी तरफ खींचे चले आएं।

हमलावर भेड़िये लगातार अपनी जगह बदल रहे हैं’
प्रभागीय वनाधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि “हमलावर भेड़िये लगातार अपनी जगह बदल रहे हैं। अमूमन ये रात में शिकार करते हैं और सुबह होते-होते अपनी मांद में लौट जाते हैं। ऐसे में ग्रामीणों और बच्चों को बचाने के लिए हमारी रणनीति है कि इन्हें भ्रमित कर रिहायशी इलाकों से दूर किसी तरह इनकी मांद के पास लगाए गए जाल या पिंजरे में फंसने के लिए आकर्षित किया जाए। इसके लिए हम थर्मल ड्रोन से भेड़ियों की लोकेशन के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। फिर पटाखे जलाकर, शोर मचाकर या अन्य तरीकों से इन्हें रिहायशी गांव से दूर सुनसान जगह ले जाकर जाल के नजदीक लाने की कोशिश की जा रही है।

‘भेड़िए बच्चों को बना रहे अपना निशाना’
अधिकारी ने बताया कि हमलावर जानवर अधिकांश बच्चों को अपना निशाना बना रहे हैं, इसलिए जाल और पिंजरे के पास हमने बच्चों के आकार की बड़ी-बड़ी ‘टेडी डॉल’ लगाई हैं। ‘टेडी डॉल’ को रंग-बिरंगे कपड़े पहनाकर इन पर बच्चों के मूत्र का छिड़काव किया गया है और फिर जाल के पास व पिंजरों के अंदर इस तरह से रखा गया है कि देखने से भेड़िये को इनसानी बच्चा बैठा होने या सोता होने का भ्रम हो। बच्चे का मूत्र भेड़ियों को ‘टेडी डॉल’ में नैसर्गिक इनसानी गंध का एहसास दिलाकर अपने नजदीक आने को प्रेरित कर सकता है।

थर्मल ड्रोन और सामान्य ड्रोन से की जा रही भेड़ियों की तलाश
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, 17 जुलाई से लेकर अब तक भेड़ियों के हमलों में कथित तौर पर छह बच्चों व एक महिला की मौत हुई है, जबकि बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों सहित दर्जनों ग्रामीण घायल हुए हैं। देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील ने बताया कि पांच बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है और सरकार उनके परिवार को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा सरकार दे चुकी है, जबकि दो संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है। आदमखोर झुंड में शामिल छह में से चार भेड़िये बीते डेढ़ माह में पकड़े जा चुके हैं और बाकी बचे हुए दो भेड़ियों के हमले अब भी जारी हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार रात और रविवार सुबह भी इनके हमलों से एक बच्चा व एक अन्य व्यक्ति घायल हो गए। थर्मल ड्रोन और सामान्य ड्रोन के जरिये इन भेड़ियों की तलाश की जा रही है।

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