… रफ्ता-रफ्ता भाजपा से बढ़ रही हैं ठुकराल की नज़दीकियां

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  • पूर्व विधायक के संपर्क में हैं भाजपा के कई एक बड़े नेता
  • – मुस्लिम समाज ने बैठक कर ठुकराल के कांग्रेस में आने का किया विरोध

खबर रफ़्तार, रुद्रपुर : कद्दावर नेता और दो बार भाजपा से विधायक रहे राजकुमार ठुकराल के राजनीतिक भविष्य पर सियासी दलों की निगाहें टिकी हैं। ठुकराल घर वापसी करेंगे या फिर कांग्रेस में शामिल होंगे, यह यक्ष प्रश्न है। फिलहाल खबर मिली है कि ठुकराल के संपर्क में भाजपा के कई बड़े नेता हैं। लेकिन ठुकराल को घर वापसी पर हासिल क्या होगा ? यह बड़ा सवाल है। वहीं उनके कांग्रेस में आने की हलचल के बीच विरोध भी शुरू हो गया है। मुस्लिम समाज ने बैठक कर न सिर्फ उनके बहिष्कार का ऐलान किया है बल्कि उन्हें पार्टी ज्वाइन कराने वालों के भी बहिष्कार की बात कही है।

आपको बताते चलें कि राजकुमार ठुकराल तराई की राजनीति में खासा असर रखते हैं। गुजरे विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा उनका टिकट काट दिए जाने से वह निर्दलीय चुनाव लड़े और 27000 से अधिक मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। ठुकराल का टिकट काटे जाने से भाजपा के कुछ बड़े नेता खिन्न भी हैं। आखिरी समय तक यह नेता न सिर्फ ठुकराल के टिकट के लिए प्रयास करते रहे बल्कि उन्हें निर्दलीय चुनाव न लड़ने और भाजपा में बने रहने की सलाह देते रहे।

ठुकराल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद उन्हें भले ही पार्टी से बाहर कर दिया गया लेकिन अब उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें लगना शुरू हो गया है। पता लगा है कि ठुकराल न सिर्फ कुछ भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं बल्कि भाजपा के कुछ बड़े नेता भी उनके संपर्क में हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि ठुकराल को हिंदुत्व विचारधारा से जोड़कर देखा जाता है और यहां तक कि उन्हें हिंदू हृदय सम्राट की उपाधि भी दी गई है।

ठुकराल का कदम क्या होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि ठुकराल को भाजपा में घर वापसी से मिलेगा क्या ? सूत्रों की मानें तो ठुकराल की वापसी इस शर्त के साथ हो सकती है कि नगर निकाय चुनाव में रुद्रपुर सामान्य सीट हो और उनके भाई संजय ठुकराल को पार्टी अपना प्रत्याशी बनाए ! यह बात सियासी हलकों में भी घूम रही है। हालांकि ठुकराल के धुर विरोधी ऐसा होने नहीं देंगे, तभी तो अभी से अप्रत्यक्ष रूप से टांग अड़ाने का काम भी शुरू हो गया है।

यहां यह भी बता दें कि ठुकराल की बेटी के विवाह समारोह में भी बड़ी संख्या में भाजपा के नेता शिरकत करने पहुंचे थे। वहीं हाल ही में उनके द्वारा रुद्रपुर के गांधी ग्राउंड में कराई गई भजन संध्या में भारी भीड़ जुटने से विरोधियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। लोगों का यहां तक कहना है कि गांधी ग्राउंड में मायावती की सभा के बाद इतनी भीड़ लोगों ने नहीं देखी।

उधर, ठुकराल कांग्रेस का दामन न थामें, इसको लेकर अभी से मुस्लिम समुदाय ने विरोध शुरू कर दिया है। सप्ताह भर पहले लेक पैराडाइज में मुस्लिम समुदाय ने बैठक कर ठुकराल की एंट्री का विरोध जताया। लोगों का कहना था कि कांग्रेस के कुछ नवनियुक्त पदाधिकारी ठुकराल को कांग्रेस में लाने की कोशिशों में लगे हैं, ऐसे नेताओं का विरोध किया जाएगा। मुस्लिम समुदाय ने कहा कि निश्चित रूप से कांग्रेस में ठुकराल के आने से एक बड़ा समूह उनके साथ आ सकता है लेकिन बड़ी संख्या में कांग्रेस के परंपरागत वोट उससे दूर हो जाएंगे और कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। मुस्लिम समुदाय ने कहा कि नौजवान तबके में ओवैसी का बढ़ता हुआ क्रेज और आम आदमी पार्टी की सक्रियता इस समाज को इन विकल्पों पर विचार करने के लिए बाध्य कर

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