
ख़बर रफ़्तार, प्रयागराज : मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के बाद अब मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर बहस तेज हो गई है। इसको लेकर द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि को अनुचित बताया है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के संबंध में हमारे सारे शास्त्रीय प्रमाण हैं। वहां की शिल्प, मंदिर का फाउंडेशन, ऊपर लगे पत्थर, दरवाजा और सीढ़ियों में हिंदू धर्म शास्त्रों की शिल्प व वास्तुकला विद्यमान है।
यह श्रीकृष्ण का अवतार स्थल है
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि इसके आधार पर वह परमात्मा श्रीकृष्ण भगवान का अवतार स्थल है। वह हिंदुओं को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस जगह पर श्रीकृष्ण के साक्ष्य प्राचीन काल से ही मौजूद हैं।
कोर्ट पहुंच गया है मामला
बता दें कि मामला अभी न्यायालय में है। कोर्ट दोनों पक्ष को सुनकर साक्ष्य देखेगा। पुरातत्व विभाग का पक्ष लिया जाएगा। इससे सत्यता स्वत: सामने आएगा। इसको लेकर कोर्ट में एएसआई जांच की मांग की गुहार लगाई गई है।
सदानंद सरस्वती ने यूसीसी का किया स्वागत
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने उत्तराखंड सरकार द्वारा विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पेश करने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इसे देशभर में लागू होना चाहिए।
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