सुमाड़ी NIT के स्थायी परिसर निर्माण में आ रही ये बधाएं, जल्द निस्तारण से बढ़ेगी रफ्तार

खबरे शेयर करे -

ख़बर रफ़्तार, श्रीनगर: एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट जारी कर दिया गया है. लेकिन मूलभूत सुविधाएं ना होने के चलते निर्माण कार्य में देरी हो सकती है. एनआईटी प्रशासन का कहना है कि कई बार बिजली, पानी व सड़क की आवश्यकता को लेकर पत्राचार किया जा चुका है. सुविधाओं के अभाव में निर्माण कार्य पूर्ण रूप से शुरू होने में अभी तीन माह का समय और लग सकता है.

श्रीनगर गढ़वाल के सुमाड़ी में एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर निर्माण के लिए 310 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है. पहले चरण में 60 एकड़ जमीन पर कैंपस निर्माण कार्य शुरू होना है. यहां 650़ 58 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य होना है. जिसके तहत निर्माणदायी संस्था एनबीसीसी को निर्माण कार्य के लिए 65 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं. एनआईटी के कुलसचिव डॉ. हरि मौल आजाद ने कहा कि पानी की सप्लाई, विद्युत आपूर्ति से लेकर सड़क के चौड़ीकरण को लेकर संबंधित विभागों से पत्राचार किया गया है.

सरकार को चाहिए कि इन मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त कर, जल्द स्थायी परिसर का निर्माण कार्य शुरू किया जा सके.एनआईटी उत्तराखंड कुलसचिव डॉ. एचएम आजाद ने बताया कि एनआईटी स्थायी परिसर निर्माण के लिए 60 एकड़ जमीन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई थी. जिसमें से 5.3 एकड़ सरकारी भूमि हस्तांतरित करने को लेकर मार्च माह में कैबिनेट द्वारा स्वीकृति दी गई थी. लेकिन अभी जिलाधिकारी स्तर से इस भूमि को लेकर आदेश जारी होना बाकी है. यह भूमि तकनीकी शिक्षा विभाग से एनआईटी के नाम पर हस्तांतरित होना है.

अन्य 55 एकड़ पर निर्माण कार्य शुरू होने वाला है. इसके अलावा वन विभाग की ओर से पेड़ों का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है. अनुमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा एनआईटी को निशुल्क जमीन उपलब्ध करा दी गई है. 22 करोड़ की लागत से सुमाड़ी तक पेयजल पहुंचाने का कार्य 80 फीसदी पूरा हो चुका है. एनआईटी स्थायी परिसर तक पहुंचने वाली सड़क को डबल लेन किया जाना है. जिसका कार्य भी शीघ्र शुरू किया जायेगा.

पढ़ें-केंद्रीय बजट में उत्तराखंड को सौगात, आपदाओं के लिए मिलेगा फंड, जानिए अब तक कितना हुआ नुकसान?

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours