ख़बर रफ़्तार, नई दिल्ली: जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तब चंद्र ग्रहण लगता है। वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र होता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। चंद्र ग्रहण को चंद्रमा के ग्रहण के रूप में जाना जाता है। अक्तूबर में साल 2023 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसके पहले साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा वाले दिन लगा था। यह चंद्र ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में देखा गया, लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था। ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगेगा और कहां-कहां दिखाई देगा…
साल 2023 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को रविवार के दिन लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण रात 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। भारत में इस ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 16 मिनट की होगी।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में भी देखा जाएगा।
इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से शुरू हो जाएगा। सूतक काल को अशुभ माना जाता है।
क्या होता है सूतक काल?
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण के शुरू होने से करीब 09 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस अवधि के दौरान किसी भी तरह का कोई शुभ काम या पूजा-पाठ करना वर्जित होता है।