ख़बर रफ़्तार, मुनस्यारी: दो सितंबर को आई आपदा का शिकार हुए जोशी गांधीनगर गांव के 25 परिवार टेंट में दिन बीता रहे हैं। ग्रामीणों के जानवर खुले आसमान के नीचे बंधे हैं। प्रशासन ने अब तक पीड़ित परिवारों की कोई सुध नहीं ली है। उपेक्षा से खिन्न ग्रामीणों ने तहसील परिसर में अनशन पर बैठने का ऐलान किया है।
दो सितंबर को मुनस्यारी तहसील में हुई भारी बारिश से जोशा गांधीनगर गांव में भारी नुकसान हुआ था। मकान क्षतिग्रस्त हो जाने से अनुसूचित जाति के 25 परिवार बेघर हो गये थे। आश्रय के लिए इन परिवारों ने गांव के समीप ही टेंट लगा लिया थे। पिछले 25 दिनों से ये परिवार टेंट में ही दिन बिता रहे हैं। ग्रामीणों के दर्जनों जानवर खुले में बंधे हैं।
ग्रामीणों में है आक्रोश
ग्रामीणों का कहना है कि आपदा के बाद शासन-प्रशासन की ओर से उन्हें एक किलो आटा तक मुहैया नहीं कराया गया। दिन में मेहनत मजदूरी कर वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। सुध नहीं लिए जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि वे अपनी व्यथा शासन प्रशासन तक पहुंचाने के लिए दो अक्टूबर को तहसील परिसर में सपरिवार अनशन पर बैठेंगे।
बढ़ती ठंड ने बढ़ाई परेशानी
बढ़ती ठंड ने टैंटों में रह रहे जोशा गांधीनगर गांव के ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। रात में पारा गिरने से उन्हें खासी तकलीफ हो रही है। खुले में बंधे जानवर भी इस दिक्कत को झेल रहे हैं। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी, ऐसे में ग्रामीणों के लिए टैंटों में रहना मुश्किल हो जायेगा। ग्रामीण जंगली जानवरों के हमले की आशंका से भी सहमे हुए हैं।
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