खबर रफ़्तार, ऋषिकेश: भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की पूर्व मंडल उपाध्यक्ष सिमरन गाबा की गुरुवार की देर रात घर की बालकनी गिरकर मौत हो गई। स्वजन उन्हें लेकर राजकीय चिकित्सालय आए थे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। भाजपा नेत्री की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
गंगानगर गली नंबर आठ ऋषिकेश निवासी सिमरन गाबा (40 वर्ष) पत्नी मुकेश गाबा की गुरुवार की रात अपने घर की बालकनी से गिरकर संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। उन्हें राजकीय चिकित्सालय लाया गया था, चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद स्वजन उनके शव को लेकर घर चले गए।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक केआर पांडेय ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। अभी तक इस मामले में कोई शिकायत पत्र किसी भी पक्ष की ओर से नहीं मिला है। सिमरान गाबा महिला मोर्चा की मंडल उपाध्यक्ष थी, बीते दिनों कि किसी विवाद के चलते संगठन की ओर से उन्हें पद मुक्त कर दिया गया था।
- तीन माह पूर्व फेसबुक पर लाइव आकर पति ने खाया था कीटनाशक
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेत्री के पति मुकेश गाबा की ओर से तीन माह पूर्व फेसबुक पर लाइव आकर अपने पारिवारिक संबंधों को लेकर काफी कुछ कहा था। जिसके बाद मुकेश गाबा ने कीटनाशक का सेवन कर लिया था, उसे एम्स में भर्ती कराया गया था।
मामला यहीं पर नहीं रुका इस माह प्रथम सप्ताह में मुकेश गाबा ने फिर फेसबुक में लाइव आकर अपनी पत्नी को लेकर कई आपत्तिजनक बातें कहीं। इतना ही नहीं उसने भाजपा के मंत्री और पदाधिकारियों का भी नाम लेकर कई आरोप लगाए थे।
इस मामले में पांच मई को महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष माधवी गुप्ता की ओर से मुकेश गाबा के खिलाफ कोतवाली में जान से मारने की धमकी के आरोप में मुकदमा भी दर्ज कराया था। इसी क्रम में भाजपा के मंडल अध्यक्ष ने मुकेश गाबा की पत्नी सिमरन गाबा को महिला मोर्चा मंडल उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था।
अब सिमरन गाबा की संदिग्ध मौत के बाद मामले में नया मोड़ आ गया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक केआर पांडेय के मुताबिक पुलिस इस मामले में हर स्तर पर जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक सिमरन गाबा मुकेश गाबा की दूसरी पत्नी है। पहली पत्नी की कई वर्ष पूर्व मौत हो गई थी
- दून अस्पताल में महिला मरीज की मौत, लापरवाही का आरोप
दून मेडिकल कालेज अस्पताल में एक महिला मरीज की मौत पर स्वजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। महिला के बेटे ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। यह आरोप लगाया है कि आइसीयू में भर्ती महिला की तीन दिन बाद जांच रिपोर्ट आई।
बल्लीवाला चौक निवासी सुमन कोहली (77 वर्ष) को आठ मई को सांस की समस्या पर स्वजन उन्हें निजी अस्पताल ले गए। कोविड एंटीजन जांच करने पर उनकी रिपोर्ट पाजिटिव निकली। ऐसे में उन्हें दून अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती करवाया। गंभीर स्थिति में उन्हें आइसीयू में वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया।
- खुद लगाए दो अटेंडेंट
- संदीप का कहना है कि अस्पताल में व्यवस्था चौपट है। पर्याप्त स्टाफ तक नहीं है। नर्सिंग स्टाफ वेंटिलेटर से जुड़े मानिटर बीप होने पर भी नहीं देखता। उन्होंने अपनी मां के लिए दो अटेंडेंट लगाए थे जो आइसीयू के बाहर रहते थे। चिकित्सक सुबह राउंड पर आते थे, उसके बाद कोई चिकित्सक नहीं आता था।
- मौत के बाद आई जांच रिपोर्ट
बताया गया कि चिकित्सक ने करीब 10, 12 जांच कराई थी, लेकिन उनकी रिपोर्ट दो-तीन दिन में आई। जबकि गंभीर हालत में रिपोर्ट का इंतजार करने का समय नहीं होता। कुछ रिपोर्ट ऐसी थीं जो 15 मई तक नहीं आ पाईं और 13 मई को महिला की मौत हो चुकी थी।
प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना का कहना हैं कि लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत का संज्ञान लेकर एमएस और डीएमएस को जांच को निर्देशित किया जा रहा है।
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