ख़बर रफ़्तार, नई दिल्ली: पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सर्वोच्च न्यायालय में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान योग गुरु रामदेव उनके सहयोगी बालकृष्ण कोर्ट में मौजूद थे।
वहीं, कोर्ट ने आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को भी फटकार लगाई। आईएमए चीफ आर वी अशोकन की तरफ से दिए गए इंटरव्यू पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई है। कोर्ट की नाराजगी पर आईएमए अध्यक्ष आर वी अशोकन ने शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगी है।
‘अदालत की खिल्ली नहीं उड़ा सकते आईएमए चीफ’
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष आर वी अशोकन ने हाल ही में पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में शीर्ष अदालत के खिलाफ दिए गए अपने बयानों के लिए पीठ से बिना शर्त माफी मांगी, जहां उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले के बारे में सवालों के जवाब दिए।
14 उत्पादों को किया गया निलंबित: पतंजलि
उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए) ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को “तत्काल प्रभाव से निलंबित” कर दिया गया है।
शीर्ष अदालत 2022 में आईएमए द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें पतंजलि द्वारा कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।
यह भी पढ़ें:- लखनऊ चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन में महिला की मौत, हार्ट अटैक बना ‘काल’
You May Also Like
More From Author

लखनऊ चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन में महिला की मौत, हार्ट अटैक बना ‘काल’

+ There are no comments
Add yours