लखनऊ: हत्या-लूट और रंगदारी के कुख्यात कग्गा गैंग के चार बदमाशों को एसटीएफ ने मार गिराया

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ख़बर रफ़्तार, लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हत्या-लूट और रंगदारी के लिए कुख्यात कग्गा गैंग के चार बदमाशों को स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) ने मुठभेड़ में मार गिराया है। इसमें एक लाख रुपये का इनामी सहारनपुर का अरशद, सोनीपत का मंजीत, करनाल का सतीश और चौथा अज्ञात बदमाश शामिल है।

मुठभेड़ में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पेट में तीन गोलियां लगी हैं। गंभीर हालत में उन्हें गुरुग्राम के मेदातां अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पिछले करीब एक दशक में पश्चिमी यूपी की अब तक की ये सबसे बड़ी मुठभेड़ मानी जा रही है।

यह मुठभेड़ शामली जिले के झिझाना थाना क्षेत्र में हुई है। सोमवार रात एसटीएफ को खबर मिली कि कग्गा गैंग इलाके में हैं। मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ एक्टिव हो गई। मौके पर पहुंचकर बदमाशों की कार घेरने की कोशिश की। लेकिन बदमाशों ने फायर झोंक दिया। जवाब में एसटीएफ भी फायरिंग करने लग गई। रात के करीब दो बजे रहे थे। एसटीएफ और बदमाशों के बीच अंधाधुंध गोलियां तड़तड़ा रही थीं।

एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह के मुताबिक एसटीएफ ने 30 राउंड गोलियां चलाईं। इसमें कग्गा गैंग के तीन बदमाश ढेर हो गए। चौथा बदमाश कुछ दूरी पर मारा गया। आमने-सामने की मुठभेड़ में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील घायल हो गए। उन्हें तीन गोलियां लगी हैं। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुनील एसटीएफ ज्वॉइन करने से पहले पीएसी में कमांडर रहे हैं। उनकी हालत गंभीर है।

मुठभेड़ में मारे गए सहारनपुर के अरशद पर हत्या और लूट के करीब 17 मुकदमें दर्ज थे। उस पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित था। इस मुठभेड़ में मारे गए चौथे बदमाश की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। मंजीत एक मामले में पैरोल पर छूटकर आया था।

पश्चिमी यूपी में कग्गा गैंग साल 2010 से दहशत फैलाए था। यह व्यापारियों और पैसों वालों से रंगदारी मांगता था। सुपारी किलिंग्स में भी इसका हाथ बताया जा रहा है। वर्ष 2011 में पुलिस ने एनकाउंटर में कग्गा को मार गिराया था। उसके बाद मुकीम काला ने गैंग की कमान संभाल ली थी। पिछले एक दशक के दरम्यान पश्चिमी यूपी में ये सबसे बड़ी मुठभेड़ बताई जा रही है।

इस मुठभेड़ ने पश्चिमी यूपी में तेजी से पनपते छोटे-मोटे गैंग के बदमाशों के हौसले पस्त कर दिए हैं। इसलिए भी क्योंकि इलाके में पिछले कुछ अरसे में कई छोटे-छोटे गिरोह पनपने की आहट महसूस की जाने लगी थी। स्थानीय पुलिस अपने स्तर पर इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाईयां कर रही थी।

मुठभेड़ में घायल होकर बदमाश पकड़े भी जा रहे थे। लेकिन इधर, कग्गा गैंग की शह मिलने से यहां छोटे गैंग भी बड़े अपराधों के लिए मुंह उठाने लग गए थे। स्थानीय पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस मुठभेड़ ने ऐसे बदमाशों के मंसूबों को भी ढेर कर दिया है।

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