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Saturday, July 27, 2024
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सहस्त्रताल ट्रैक में फंसे ट्रैकरों के रेस्क्यू के लिए SDRF की टीमें रवाना, वायु सेना से मांगी मदद

ख़बर रफ़्तार: उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर करीब 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल में फंसे कर्नाटक, महाराष्ट्र के ट्रेकरों के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ व वन विभाग के दल को बचाव कार्य के लिए देहरादून से रवाना किया गया है।

29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। यहां चार ट्रैकर की ठंड लगने से मौत हो गई। 18 ट्रैकर वहां फंसे हैं जिनमें से सात की तबीयत खराब है। सहस्त्रताल ट्रैक पर फंसे छह ट्रैकर्स को नटीण हेलीपैड पर लाया गया। सभी सुरक्षित है। इनमें से एक महिला ट्रैकर को थोड़ी घबराहट की परेशानी हो रही है।जिला प्रशासन के अनुरोध पर वायु सेना के दो चेतक हेलीकॉप्टर अभियान में लगाए गए हैं।

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया है कि सहस्त्रताल की ट्रैकिंग रुट पर फंसे ट्रैकर्स को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ व वन विभाग के रेस्क्यू दल अलग-अलग दिशाओं से घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। वन विभाग की दस सदस्यों की रेकी व रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव से आगे निकल चुकी है। जबकि जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआएफ का दल भी आज तड़के टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार की तरफ से रेस्क्यू की कार्रवाई शुरू करने के लिए रवाना हो चुका है।

इस रेस्क्यू अभियान के समन्वय में जुटे पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की माउंटेनियरिंग टीम भी देहरादून से हेलिकॉप्टर से एरियल रैकी के लिए रवाना होने वाली है। साथ ही सहस्त्रताल ट्रेक रुट पर फंसे ट्रैकर्स को निकालने के लिए वायु सेवा के द्वारा भी सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।

निम से भी रवाना होगी बैकाप टीम
जिला अस्पताल उत्तरकाशी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी को अलर्ट पर रखा गया है। आईटीबीपी मातली से भी 14 रेस्क्यूअर्स और एक डॉक्टर को कुछ देर पहले ही रवाना किया गया है। एनआईएम से भी बैक अप टीम रवाना की जा रही है। रेस्क्यू अभियान को लेकर जिले का आपदा कंट्रोल रूम मंगलवार शाम से ही निरंतर सक्रिय है। कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार टिहरी जिला प्रशासन द्वारा भी हैली रेस्क्यू के लिए अरदंगी हैलीपेड को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जहां पर एंबुलेंस टीम, लोनिवि व पुलिस की टीम तैनात की गई है। खोज बचाव के लिए टिहरी से भी वन विभाग, एसडीआरएफ पुलिस व स्थानीय लोगों की टीम रवाना की जा रही हैं, जोकि घनसाली के पिंस्वाड से पैदल रवाना होगी।

जानें पूरा मामला
29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। तीन जून को वह सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए। वहां अचानक मौसम खराब होने, घने कोहरे और बर्फबारी के बीच ट्रैकर फंस गए। पूरी रात उन्हें ठंड में बितानी पड़ी। ट्रैकर्स में से किसी ने इसकी सूचना दल को ले जाने वाली गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक को दी। बताया कि ठंड लगने से चार ट्रैकर की मौत हो गई है जबकि सात की तबीयत खराब है और 11 वहां फंसे हुए हैं। ट्रैकिंग टीम में कर्नाटक के 18, महाराष्ट्र का एक और तीन स्थानीय लोग शामिल थे। एसडीआरएफ रेस्क्यू के लिए रवाना हो चुकी हैं।

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