कोटद्वार से दिल्ली के लिए ट्रेन सेवा को रेल मंत्री ने दिखाई हरी झंडी,जल्द यात्रा कर सकेंगे यात्री

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ख़बर रफ़्तार, कोटद्वार:  कोटद्वार-दिल्ली के मध्य रेल सेवा शुरू किए जाने को लेकर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के प्रयास रंग लाए। बुधवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई रेल को स्वीकृति प्रदान कर दी। संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह से कोटद्वार-दिल्ली के मध्य रात्रिकालीन रेल सेवा शुरू हो जाएगी।

बताते चलें कि कोटद्वार क्षेत्र की जनता पिछले लंबे समय से कोटद्वार-दिल्ली के मध्य रात्रि रेल सेवा की मांग कर रही थी। वर्ष 2016 तक कोटद्वार से दिल्ली के मध्य रात्रि रेल सेवा संचालित होती थी। रात्रि में दस बजे कोटद्वार से दिल्ली की बोगियां पैसेंजर ट्रेन पर लगती व नजीबाबाद रेलवे स्टेशन में इन बोगियों को मसूरी एक्सप्रेस से जोड़ दिया जाता था। 2016 में कोटद्वार-नजीबाबाद रेल ट्रैक पर पुल के टूटने के बाद यह रेल सेवा बंद कर दी गई।

सात सालों से लोग कर रहे थे मांग

आमजन पिछले सात वर्षों से इस रेल सेवा को पुनः शुरू करने की मांग कर रहा था। रेल मंत्री ने नई रेल सेवा को स्वीकृति प्रदान कर क्षेत्रीय जनता को सौगात दी है। पूर्व में जा हो चुकी है समय सारिणी कोटद्वार-दिल्ली के मध्य नई रेल सेवा शुरू किए जाने के मद्देनजर उत्तर रेलवे की ओर से बीते दिनों एक समय सारणी जारी की गई थी।

ये है समय सारिणी

इस समय सारिणी के अनुसार, नई रेल दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन से रात्रि 9.45 पर कोटद्वार से लिए चलेगी और मेरठ, रुड़की, लक्सर नजीबाबाद होते हुए सुबह पौने चार बजे कोटद्वार पहुंचेगी। कोटद्वार से रेल रात्रि दस बजे दिल्ली के लिए चलेगी और सुबह साढ़े चार बजे आनंद विहार टर्मिनल स्टेशन में पहुंचेगी। माना जा रहा है कि इसी माह के अंत में आने वाले रेलों की नई समय सारणी में इस रेल को भी शामिल कर दिया जाएगा।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का जताया आभार

रेल किस तिथि व नाम से संचालित होगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। सामाजिक संगठनों ने जताया आभार भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों ने नई ट्रेन को स्वीकृति दिए जाने पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ ही राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का आभार जताया है। सभी का कहना है कि क्षेत्रीय जनता की लंबे समय से उठ रही इस मांग को आखिर रेल महकमे ने महत्व दिया व नई रेल सेवा को स्वीकृति प्रदान की।

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