ख़बर रफ़्तार, देहरादून: प्रदेश के करीब 800 राजकीय इंटर कॉलेज में प्रभारी प्रधानाचार्यों द्वारा प्रभार छोड़ने पर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने चिंता जाहिर की है। महानिदेशक ने निदेशक को ताकीद किया है कि राज्य सरकार के अधीन प्रत्येक लोकसेवक के लिए सरकारी दायित्व का निर्वहन करना बाध्यकारी है।
यदि कोई शिक्षक-कर्मचारी या अधिकारी सौंपे गए दायित्व को लेने से इंकार करता है तो उसके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई की जाए। निदेशक को जारी पत्र में उन्होंने कहा कि प्रभारी प्रधानाचार्यों ने प्रभार छोड़ने की सूचना अपने ब्लाक के बीईओ को दे दी है। राज्य में 1300 राजकीय इंटर कॉलेज हैं, जिनमें 800 में वरिष्ठ शिक्षक ही प्रभारी प्रधानाचार्य का प्रभार देख रहे हैं।
उनके द्वारा प्रभार चोड़े जाने से स्कूलों में प्रशासनिक मुखयि नहीं होगा। इससे प्रशासिनक और शैक्षणिक कार्य प्रभावित होंगे। साथ ही फरवरी- मार्च में बोर्ड परीक्षा एवं उससे पूर्व प्रयोगात्मक परीक्षा और अध्यापन कार्य प्रभावित होगा। ऐसी स्थिति में यदि विद्यालय में कोई बाधा उत्पन्न करता है तो यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।
उन्होंने निदेशक को प्रत्येक विद्यालय में प्रशासनिक व शैक्षणिक कार्य बिना किसी बाधा के जारी रखने के निर्देश दिए। कहा कि कोई शिक्षक सौंपे गए कार्य दायित्वों का पालन करने में बाधा उत्पन्न करता है तो इसे गंभीरता से लिया जाए और छात्र हित में उसके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई हो।
पौड़ी, नैनीताल व अल्मोड़ा के स्कूलों में प्रभारी प्रधानाचार्य भी नहीं
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