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Saturday, July 27, 2024
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प्रदेश के करीब 800 राजकीय इंटर कॉलेज में प्रभारी प्रधानाचार्यों ने छोड़े प्रभार, बढ़ी चिंता

ख़बर रफ़्तार, देहरादून:  प्रदेश के करीब 800 राजकीय इंटर कॉलेज में प्रभारी प्रधानाचार्यों द्वारा प्रभार छोड़ने पर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने चिंता जाहिर की है। महानिदेशक ने निदेशक को ताकीद किया है कि राज्य सरकार के अधीन प्रत्येक लोकसेवक के लिए सरकारी दायित्व का निर्वहन करना बाध्यकारी है।

यदि कोई शिक्षक-कर्मचारी या अधिकारी सौंपे गए दायित्व को लेने से इंकार करता है तो उसके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई की जाए। निदेशक को जारी पत्र में उन्होंने कहा कि प्रभारी प्रधानाचार्यों ने प्रभार छोड़ने की सूचना अपने ब्लाक के बीईओ को दे दी है। राज्य में 1300 राजकीय इंटर कॉलेज हैं, जिनमें 800 में वरिष्ठ शिक्षक ही प्रभारी प्रधानाचार्य का प्रभार देख रहे हैं।

उनके द्वारा प्रभार चोड़े जाने से स्कूलों में प्रशासनिक मुखयि नहीं होगा। इससे प्रशासिनक और शैक्षणिक कार्य प्रभावित होंगे। साथ ही फरवरी- मार्च में बोर्ड परीक्षा एवं उससे पूर्व प्रयोगात्मक परीक्षा और अध्यापन कार्य प्रभावित होगा। ऐसी स्थिति में यदि विद्यालय में कोई बाधा उत्पन्न करता है तो यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।
उन्होंने निदेशक को प्रत्येक विद्यालय में प्रशासनिक व शैक्षणिक कार्य बिना किसी बाधा के जारी रखने के निर्देश दिए। कहा कि कोई शिक्षक सौंपे गए कार्य दायित्वों का पालन करने में बाधा उत्पन्न करता है तो इसे गंभीरता से लिया जाए और छात्र हित में उसके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई हो।
पौड़ी, नैनीताल व अल्मोड़ा के स्कूलों में प्रभारी प्रधानाचार्य भी नहीं

प्रदेश के कई स्कूलों में अभी प्रभारी प्रधानाचार्य भी नहीं हैं। राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर पौड़ी, नैनीताल व अल्मोड़ा जिले के विभिन्न विकासखंडों में स्थित स्कूलों को प्रभारी प्रधानाचार्यों ने प्रभार छोड़ दिए हैं। प्रभार छोड़ने की सूचना संघ को दे दी गई है। संघ ने चेताया कि प्रभार छोड़ने वाले प्रभारी प्रधानाचार्यों की जगह यदि कोई और शिक्षक प्रभार लेगा तो उसे संगठन विरोधी गतिविधि माना जाएगा और संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। साथ ही चेतावनी दी कि प्रभार छोड़ने वाले शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई तो इसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

पिछले डेढ़ महीने से आंदोलनरत शिक्षक

पदोन्नति और यात्रा अवकाश बहाल करने सहित 35 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत शिक्षक आज से प्रभारी प्रधानाचार्य का प्रभार छोड़ने का एलान किया गया था। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान के मुताबिक, राज्यभर में इस तरह के लगभग 650 प्रभारी प्रधानाचार्य हैं। जो पिछले कई साल से प्रभार देख रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से उनकी अब तक पदोन्नति नहीं की गई। बताया, राजकीय शिक्षक संघ लंबित मांगों को लेकर पिछले डेढ़ महीने से आंदोलनरत है। आंदोलन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि चार अगस्त को शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। बैठक में कई मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन विभाग की ओर से इस संबंध में अब तक कोई निर्देश जारी नहीं हुआ। कहा, विभाग के इसी उदासीन रवैये से शिक्षकों में भारी नाराजगी है और उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रदेश भर में शुरू किए गए चरणबद्ध आंदोलन के तहत 17 नवंबर से प्रभारी प्रधानाचार्य अपना प्रभार छोड़ेंगे।

इन मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं शिक्षक

5400 ग्रेड पे पाने वाले शिक्षकों को राजपत्रित घोषित किया जाए।
शिक्षकों के अंतरमंडलीय तबादले किए जाएं।
वेतन विसंगति दूर की जाए।
अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की सीबीएसई से संबद्धता खत्म कर उन्हें उत्तराखंड बोर्ड में शामिल जाए।
प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरा जाए और सीधी भर्ती के प्रस्ताव को रद्द किया जाए।

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