ख़बर रफ़्तार, पिथौरागढ़: उत्तराखंड में पर्यटन का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। एक के बाद एक पर्यटकों के लिए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाए जा रहे हैं। अब पिथौरागढ़ में भी लोगों को नौकायन का लुफ्त उठाने का मौका मिलेगा। जिला मुख्यालय से छह किमी दूर टनकपुर-तवाघाट हाईवे किनारे 32 करोड़ की लागत से बनी कृत्रिम थरकोट झील में नैनीताल की तर्ज पर नौकायन शुरू हो गया है।
अक्टूबर 2023 में कुमाऊं दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन कर दिया था। थरकोट झील 750 मीटर लंबी और 74 मीटर चौड़ी है। इस झील से नगर को पेयजल और स्थानीय लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही भविष्य में वाटर स्पोर्ट्स भी यहां होंगे। शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा ने थरकोट झील में नौकायन का शुभारंभ किया। पहले चरण में यहां छह बोट संचालित की जा रही हैं।
32 करोड़ की लागत से छह वर्ष में तैयार हई झील
थरकोट में वर्ष 2018 में झील निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। इसके लिए नाबार्ड से 32 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया। झील को 2022 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कोरोना के चलते दो वर्ष तक कार्य प्रभावित रहा। इसी बीच मानसून काल में एनएच का मलबा झील में गिर जाने से भी बाधा आई। अक्टूबर 2023 में झील का कार्य पूरा कर लिया गया और एक मार्च को झील में नौकायन शुरू हो गया।
पीएम ने नैसर्गिक सौंदर्य को सराहा
12 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ भ्रमण के दौरान स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित जनसभा में झील का लोकार्पण किया था। प्रधानमंत्री ने पिथौरागढ़ के नैसर्गिक सौंदर्य की सराहना करते हुए उम्मीद जताई थी कि आने वाले वर्षों में केदारखंड की तरह मानसखंड में भी पर्यटन तेजी से बढ़ेगा।
आदि कैलास दर्शन से मिली नई पहचान
आदि कैलास दर्शन के बाद पीएम मोदी ने इसे भारत की खूबसूरत जगहों में से एक बताते हुए लोगों से आदि कैलास आने के लिए ट्वीट भी किया था। थरकोट झील में केवल नौकायन ही नहीं होगा, बल्कि इससे नगर के लिए चार एमएलडी पानी उपलब्ध होगा। गर्मियों में पानी की मात्रा दो एमएलडी रहेगी।
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