
ख़बर रफ़्तार, नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में सीएम के नाम को लेकर बना सस्पेंस खत्म हो गया है। रायपुर स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की बैठक पूरी हो गई है। भाजपा के पर्यवेक्षक अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यंत गौतम की रायपुर में नव निर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया है।
सीएम पद की रेस में पहले नंबर पर थे रमन सिंह
छत्तीसगढ़ में सीएम पद की दावेदारी की रेस में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह एक प्रबल दावेदार के रूप में पहले नंबर पर थे। हालांकि, छत्तीसगढ़ में 15 साल राज करने के बाद 2018 के चुनाव में भाजपा को बड़ी हार मिली, लेकिन आज भी छत्तीसगढ़ की सियासत में रमन सिंह पार्टी के सबसे बड़े चेहरा माना जाता हैं। 15 साल राज करने के बाद रमन सिंह गरीबों के डॉक्टर और चाउर वाले बाबा के नाम से भी मशहूर रहे हैं।
चर्चा में थी रेणुका सिंह
सीएम पद की रेस में रेणुका सिंह का नाम भी शामिल था। रेणुका सिंह फिलहाल भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। रेणुका सिंह प्रदेश की भरतपुर सोनहत सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। रेणुका सिंह ने कांग्रेस के सीटिंग एमएलए गुलाब कमरों को हराया है। इनका नाम सीएम पद की रेस में इसलिए भी था, क्योंकि रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ में आदिवासी महिला विधायक का एक बड़ा चेहरा हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महिला सशक्तिकरण पर फोकस भी है।
ईश्वर साहू का भी नाम आया था सामने
सात बार के विधायक और मंत्री रविंद्र चौबे को हराने वाले ईश्वर साहू का भी नाम सीएम पद के लिये सामने आ रहा था। विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए वह भी भाजपा कार्यालय पहुंचे थे।कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचकर उन्होंने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है। उन्होंने सीएम चेहरे को लेकर कहा था कि यह संगठन तय करेगा।
आदिवासी समाज के बड़े नेता हैं विष्णुदेव साय
विष्णु देव साय आदिवासी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। विष्णुदेव साय इसलिए बड़ा नाम है, क्योंकि वे चार बार सांसद, दो बार विधायक, केंद्रीय राज्य मंत्री और दो-दो बार के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव भी है। साल 2023 में विधानसभा चुनाव में उन्होंने कुनकुरी सीट से जीत हासिल भी की है। प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद भी वे पार्टी से लगातार जुड़े रहे।
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1989 में राजनीतिक सफर की शुरुआत
उन्होंने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत 1989 में शुरू की। सबसे पहले वे एक गांव के पंच के रूप में थे। संघ से जुड़े थे। भारतीय जनता पार्टी ने साल 1990 में उनके ऊपर भरोसा जताकर तपकरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक का टिकट दिया गया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार के सांसद भी चुने गए। साल 1999 से लेकर साल 2014 तक लगातार तीन बार सांसद रहे हैं। इसलिए विष्णुदेव साय को आदिवासी समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है।
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