
खबर रफ़्तार, उधम सिंह नगर: पंतनगर विवि की शोधार्थी ने लीथियम आयन बैटरियों के मुख्य घटक कार्बन नैनो ट्यूब्स को ग्रीन प्रक्रम विधि से बनाने में सफलता हासिल की है। इस विधि से सीएनटी बनने से मोबाइल और लैपटॉप की बैटरियां तो सस्ती होंगी।
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि पंतनगर की शोधार्थी ने लीथियम आयन बैटरियों के मुख्य घटक कार्बन नैनो ट्यूब्स को ग्रीन प्रक्रम (पर्यावरण प्रभावों को कम करना) विधि से बनाने में सफलता हासिल की है। इस विधि से सीएनटी बनने से मोबाइल और लैपटॉप की बैटरियां तो सस्ती होंगी ही, उनकी स्टोरेज क्षमता भी बढ़ेगी। खेतीबाड़ी में भी इनकी मदद मिलेगी। इन बैटरियों का उपयोग कृषि संबंधी रोबोटिक्स में भी किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय में सीबीएसएच कॉलेज के रसायन विभाग में प्राध्यापक डॉ. एमजीएच जैदी और डॉ. समीना महताब के मार्गदर्शन में शोधार्थी मनीषा पांडे ने लीथियम आयन बैटरियों को बनाने में प्रयुक्त होने वाले कार्बन नैनो ट्यूब्स को ग्रीन प्रक्रम विधि से विकसित किया है। इसके लिए मनीषा को नेशनल सुन यटसेन युनिवर्सिटी (एनएसटीसी) ताइवान ने चार माह की फेलोशिप दी है। वह वहां लीथियम आयन बैटरी और आर्गेनिक इश्यूज ऑफ कार्बन नैनो ट्यूब पर शोध करेंगी। इस शोध में वह पता लगाएंगी कि बैटरी की स्टोरेज क्षमता कितनी बढ़ सकती है।
लीथियम आयन बैटरी
लैपटॉप और मोबाइल में जो बैटरियां प्रयोग की जाती हैं, वह लीथियम आयन होती हैं। इनमें कार्बन नैनो ट्यूब नामक नैनो मैटीरियल का प्रयोग होता है। इसे अभी लेजर प्रक्रिया से बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में ग्रेफाइट पर हाई एनर्जी की लेजर को अप्लाई करते हैं, जिसके बाद उसे आयरन से कैटेलाइज करना पड़ता है। इसके बाद उससे कार्बन नैनो ट्यूब्स बनती हैं। इस विधि में कार्बन नैनो ट्यूब तो बनती है लेकिन उसमें ग्रेफाइट की शुद्धता नहीं रह जाती। इस ग्रेफाइट से कार्बन नैनो की उत्पादकता मात्र 28-30 प्रतिशत ही है। नई तकनीक के तहत ग्रीन प्रक्रम विकसित होने से कार्बन नैनो ट्यूब्स बहुत आसानी से बन सकेंगे।
चीन पर कम होगी निर्भरता
वैज्ञानिकों की टीम को बधाई। इस शोध से मोबाइल, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और खेती में क्रांति आएगी। शोधार्थी इस तकनीक को अपने शोध में शामिल कर अच्छी इंटरप्रेन्योरशिप विकसित कर सकते हैं। इससे चीन व अन्य देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी। हमारी मुद्रा देश में ही रहेगी और विदेशी मुद्रा अपने देश में आएगी।
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