ख़बर रफ़्तार, ऊधमसिंह नगर: रुद्रपुर शहर में तीन लकड़ी कारोबारियों के दफ्तर और घरों पर चल रही आयकर विभाग के छापे की कार्रवाई 78 घंटे के बाद समाप्त हो गई। साढ़े तीन दिन से ज्यादा चली कार्रवाई के बाद टीम को घर से 3.30 लाख रुपये, ज्वैलरी और दुकान से महज 580 रुपये की रकम मिली। इसके बाद टीम व्यापारी के बेटे रोनिक के लैपटॉप की हार्डडिस्क और मोबाइल लेकर लौट गई।
बृहस्पतिवार सुबह 10:30 बजे आयकर विभाग लखनऊ के डिप्टी कमिश्नर पीएस पंचपाल, आयकर अधिकारी मुकेश कुमार और दीपक कुमार की मौजूदगी में टीम की ओर से शुरु हुई छापे की कार्रवाई रविवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे तक चली। इसके बाद टीम लखनऊ लौट गई। टीम ने फर्नीचर कारोबारी गुलशन नारंग के गल्ला मंडी स्थित नारंग फर्नीचर मार्ट, सिविल लाइंस स्थित आवास, उनके बेटे रोनिक नारंग व उनके साझीदार सौरभ गाबा के मॉडल काॅलोनी स्थित विनायक प्लाई कार्यालय और एलाइंस कॉलोनी में सौरभ के आवास पर छापा मारा था। टीमों ने गुलशन के साथ ही उनके घर पर मौजूद सदस्यों से विनायक प्लाई और विनायक ट्रांसपोर्ट कारोबार, बैंक खातों, संपत्ति के साथ ही लेनदेन की जानकारी ली थी।
रविवार को टीम के लौटने के बाद फर्नीचर कारोबारी गुलशन नारंग ने बताया कि टीम के अधिकारियों ने सामान्य प्रक्रिया के तहत पेपर देखे। आयकर विभाग की टीम जो सोचकर आई थी वो कुछ नहीं मिला। घर से 3.30 लाख रुपये, पूरे नारंग परिवार के पास से करीब 31 लाख रुपये की ज्वैलरी और दुकान से सिर्फ 580 रुपये मिले। लॉकर के सामान व डॉक्यूमेंट चेक किए गए। टीम ने अधिवक्ता को गवाह बनाते हुए बरामद नकदी व जेवरात की सूची बनाई। हस्ताक्षर कराने के बाद टीम ने नकदी और जेवरात वापस दे दिए। टीम रोनिक का मोबाइल और लैपटॉप की हार्डडिस्ट जांच के लिए लेे गई है, जो सोमवार को वापस मिल जाएंगे। गुलशन नारंग ने आयकर विभाग की छापे के पीछे साजिश व किसी की शरारत होना बताया।
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