ख़बर रफ़्तार, देहरादून : ”मैं उत्तराखंड की हूं, यहीं से मेरी पढ़ाई हुई है और यहां रही हूं। मैं पहाड़ और यहां के निवासियों की भावनाओं को भली-भांति समझती हूं, इसलिए हमेशा भू कानून के पक्ष में थी और रहूंगी। मगर इसकी आड़ में महिलाओं की बेइज्जती करने वालों के साथ नहीं हूं। कुछ लोग इसकी आड़ में कलाकारों, महिलाओं की भी बेइज्जती कर रहे हैं। उनकी यह हरकत आंदोलन को गलत राह पर ले जा रही है।”
यह कहना है लोक कलाकार श्वेता मेहरा का। भू-कानून को लेकर बीते सोमवार को श्वेता मेहरा के नाम से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिससे श्वेता मेहरा के प्रशंसक हैरान थे। अमर उजाला से बातचीत में श्वेता मेहरा ने कहा कि वह भू-कानून के खिलाफ कभी नहीं रहीं, बल्कि पक्ष में हैं। साथ ही सरकार को भी जनता की भावनाओं को समझते हुए ऐसा कानून बनाना चाहिए जिससे यहां के लोगों की जमीन किसी के पास यूं ही न चली जाए।
बीते सोमवार को हल्द्वानी में उनका कार्यक्रम तय था, जिसके लिए इससे दो दिन पहले उन्होंने ऑडियो-वीडियो अपलोड किया था। हल्द्वानी में जिस दिन भू-कानून की रैली थी, उस दिन काशीपुर में कार्यक्रम तय था। उनके वीडियो में 30 से 35 लोगों ने कमेंट किए थे, वे सभी भू-कानून की आड़ में गालियां दे रहे थे और धमका रहे थे। लगातार काम के बीच अमर्यादित टिप्पणी ने उन्हें मानसिक रूप से आहत कर दिया। उन्होंने जो वीडियो अपलोड किया था, इसे इस तरह से एडिट कर दिया गया, जिससे लग रहा है कि वह ही गलत हैं।