ख़बर रफ़्तार, कलकत्ता: हाईकोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के परिसर में हुई तोड़फोड़ और डॉक्टरों से मारपीट के मुद्दे का शुक्रवार को संज्ञान लिया। कोर्ट ने इस मुद्दे पर बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए इसे सरकारी मशीनरी की नाकामी करार दे दिया।
कलकत्ता हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले को कोर्ट ने एक अस्पताल में तोड़फोड़ से जुड़ा एक ईमेल मिलने के बाद लिया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि यह पूरी तरह राज्य मशीनरी की नाकामी है। मौके पर पुलिस बल मौजूद था। इसके बावजूद वह अपने ही लोगों को नहीं बचा पाए। यह दुखद स्थिति है। आखिर कैसे ये डॉक्टर बिना डर के काम करेंगे।
उच्च न्यायालय ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं का डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। जजों ने बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए। हाईकोर्ट ने सवाल दागते हुए पूछा कि आखिर कैसे पुलिस को इस बारे में नहीं पता चला कि अस्पताल के आसपास 7000 से ज्यादा लोग जुट गए हैं। न्यायालय ने अचानक भीड़ के अस्पताल में घुसने और तोड़फोड़ की घटना पर नाराजगी जताई और उसके ऐसा करने की वजहों पर भी जवाब मांगा।
बुधवार देर रात हुआ था डॉक्टरों पर भीड़ का हमला
गौरतलब है कि कुछ अज्ञात बदमाशों ने सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के परिसर में घुसकर उसके कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की थी। इसी अस्पताल में बीते हफ्ते एक महिला डॉक्टर का शव मिला था, जिसकी प्राथमिक जांच में दुष्कर्म के बाद हत्या की बात सामने आई थी। इसी के विरोध में कई डॉक्टर इस मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। बुधवार देर रात प्रदर्शन के दौरान इन डॉक्टरों पर अचानक भीड़ ने हमला कर दिया था। इस घटना में कई डॉक्टर घायल हुए थे। बताया जाता है कि इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों समेत कुछ अन्य लोग भी घायल हुए थे।
अस्पताल में हिंसा मामले में 19 लोग हुए गिरफ्तार
कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उसने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तोड़फोड़ और हिंसा के मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों को एक अदालत ने 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
+ There are no comments
Add yours