ख़बर रफ़्तार, नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड के सीईओ की नियुक्ति पद को चुनौती देती जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वक्फ बोर्ड के नियम 23 के अनुसार इस पर दो सप्ताह के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करें. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद की तिथि नियत की है. जब कि इस पद पर अधिशासी अभियंता को तैनात किया गया है. वहीं सरकार द्वारा सीईओ के पद पर स्थायी नियुक्ति नहीं की गई है.
अधिशासी अभियंता को किया गया तैनात
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने हल्द्वानी निवासी इमरान अली की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिये. सुनवाई पर उनकी तरफ से अदालत को बताया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड के सीईओ के पद पर स्थायी नियुक्ति नहीं की जा रही है. वर्तमान में इस पद पर एक अधिशासी अभियंता को तैनात किया गया है, जो कि वक्फ बोर्ड अधिनियम के प्रावधान के खिलाफ है.
योग्यता के अनुसार भरा जाए पद
अधिनियम में प्रावधान है कि बोर्ड के सीईओ के पद पर स्थायी नियुक्ति की जाएगी और जिसके लिए डिप्टी सेक्रेटरी स्तर का अधिकारी इस पद पर नियुक्त किया जाएगा. पूर्व में भी कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि इस पद पर नियुक्ति नियमों के तहत की जाए. परंतु राज्य सरकार ने ना तो वक्फ बोर्ड का नियम 23 का पालन किया ना ही कोर्ट के पूर्व के आदेश का पालन किया. इसलिए इस पद को योग्यता के अनुसार भरा जाए.
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