हल्द्वानी में टूटते रहे नियम, नहीं टूटी प्रशासन की नींद

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खबर रफ़्तार ,हल्द्वानी:शहर में लंबे समय से 11 दुकानें मानकों को पूरा किए बगैर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए संचालित हो रही थीं। अग्निशमन विभाग से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों तक सभी को इसकी जानकारी थी इसके बाद भी दुकानें संचालित होती रहीं। अब अग्निशमन विभाग की अनापत्ति के बिना ही रामलीला मैदान में पटाखा बाजार का ठेका करा दिया गया। कुसुमखेड़ा स्थित मानस विहार निवासी ललित मोहन नेगी ने आरटीआई के माध्यम से अग्निशमन विभाग से मानकों के विरुद्ध चल रही पटाखा दुकानों व गोदामों की जानकारी मांगी थी। जवाब में एफएसओ गोविंद राम आर्या की टीम ने जब निरीक्षण किया तो शहर के 11 पटाखा विक्रेता विस्फोटक नियम-2008 के मानकों को पूरा किए बिना ही दुकानों का संचालन होता पाया गया। इसकी रिपोर्ट सीएफओ संजीवा कुमार ने डीएम को भी भेजी थी लेकिन रिपोर्ट मिलने और मानकों की अनदेखी होने की पुष्टि होने के बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।

इसके बाद ललित मोहन नेगी ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता दीप चंद्र जोशी के माध्यम से जनहित याचिका दायर की। बृहस्पतिवार को कोर्ट ने जब मामले का संज्ञान लिया। कोर्ट ने रामलीला मैदान में पटाखा बाजार न लगने के साथ-साथ नियमों की अनदेखी करने वाले 11 पटाखा विक्रेताओं को बृहस्पतिवार की शाम तक नोटिस भेजने के आदेश दिए। यहां तक कि इसका जिम्मा कोर्ट ने एसएसपी नैनीताल पंकज भट्ट को सौंपा जिसका जिक्र कोर्ट के आदेश पत्र में भी है। इसके अलावा जिला प्रशासन को शहर के बीच चल रही पटाखा दुकानों को व्यवस्थापित कराने के आदेश दिए हैं।

खतरा है जानते हुए भी दे दी पटाखा बाजार की अनुमति
पिछले कई सालों से रामलीला मैदान में पटाखा बाजार लगता आ रहा है जबकि मैदान घनी आबादी के बीच है। धार्मिक स्थल, मुख्य बाजार और बेस अस्पताल भी निकट हैं। अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट के बाद भी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आंखें फेरे बैठे रहे और रामलीला मैदान में पटाखा बाजार लगाने की अनुमति दे दी। वहीं अधिकारी अगर पहले ही इस व्यवस्था को लेकर सचेत और सक्रिय होते तो शायद मामला हाईकोर्ट तक न पहुंचता।

जीएसटी को भी मिले 11 व्यापारियों के जांच के निर्देश
शहर के 11 पटाखा व्यापारियों की शिकायत जीएसटी को भी मिली थी। 18 अक्तूबर को जीएसटी के संयुक्त आयुक्त ने सभी 11 दुकानदारों की जांच करने के निर्देश भी जारी किए थे। टीम ने पिछले तीन दिनों में छह पटाखा दुकानों पर छापा मारा था। गड़बड़ी मिलने पर टीम ने सभी दुकानों के दस्तावेज सील किए थे।
आधी-अधूरी रह गईं तैयारियां
रामलीला मैदान में पटाखा बाजार लगाने की अनुमति मिलने के बाद पटाखा व्यापारियों ने दुकानों की तैयारियां शुरु करा दी थीं। टीन की दुकानें भी बनना शुरु हो गईं लेकिन बृहस्पतिवार को कोर्ट का आदेश आने के बाद जब जिला प्रशासन ने रामलीला मैदान का ठेका रद्द किया और बात व्यापारियों तक पहुंची तो काम को वहीं रोक दिया गया।
राजनैतिक दबाव में अनुमति देने का आरोप
प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने फैसले का स्वागत किया है। संगठन के प्रदेश प्रभारी वीरेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने नियमों को ताख पर रखकर ठेका दिलाया। ऐसा लगता है कि राजनैतिक दबाव में यह फैसला लिया गया है। प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल दीपावली पर्व के बाद किसी भी जनविरोधी आदेशों के खिलाफ मुखर होगा।

 

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