ख़बर रफ़्तार, उत्तरकाशी: सहस्त्रताल ट्रैकिंग हादसे में बंगलुरू निवासी श्रीरामुलु सुधाकर की पत्नी आशा सुधाकर की मौत हो गई। सुधाकर बताते हैं, सफलतापूर्वक सहस्त्रताल पहुंचने के बाद लौटते समय कैंप से महज दो घंटे पहले ही अचानक मौसम बदल गया और सब कुछ खत्म हो गया। उन्हें आभास ही नहीं था कि पत्नी के साथ उनकी यह आखिरी ट्रैकिंग होगी।
केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारी श्रीरामुलु सुधाकर ने बताया, उनकी पत्नी आशा सुधाकर (70) भी सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी थी। ट्रैक पर गए सभी ट्रैकर अनुभवी थे। तीन जून को 20 ट्रैकर सफलतापूर्वक सहस्त्रताल तक पहुंचकर लौट रहे थे कि दोपहर बाद अचानक मौसम बदल गया। उनके कैंप से करीब दो घंटे का रास्ता बचा था।
मौसम बदलने के कारण बर्फीला तूफान आया, जिससे कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। तब सभी ने एक पत्थर के नीचे रात बिताने का निर्णय लिया, लेकिन अत्यधिक ठंड के चलते हाइपोथर्मियां जैसी स्थिति से सबसे पहले महिला ट्रैकर की मौत हुई। उसके बाद अन्य की भी हालत बिगड़ने लगी और आठ अन्य ट्रैकरों की मौत हो गई। मरने वालों में उनकी पत्नी आशा भी शामिल है। सुधाकर बताते हैं कि वे पत्नी के साथ पहले भी यहां ट्रैकिंग के लिए आ चुके थे।