ख़बर रफ़्तार, लखनऊ: अमीनाबाद, चौक और ठाकुरगंज तक अब मेट्रो से सफर आसान होगा। अगले तीन से चार साल में सरकार ने शहर के पुराने इलाकों को भी मेट्रो से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। कैबिनेट से पास भी हो चुका है। मेट्रो शुरू होने से पुराने शहर की रंगत बदलेगी। सघन इलाकों में जाम से राहत तो मिलेगी ही लोग कुछ मिनटों मे ही ठाकुरगंज से चारबाग और हजरतगंज पहुंच जाएंगे।
लखनऊ मेट्रो के विस्तार का प्रोजेक्ट वर्ष 2017 से ही लंबित था। इसी साल दो जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेट्रो के दूसरे चरण के ईस्ट-वेस्ट कारिडोर के डीपीआर को आवास विभाग से उनको उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। दूसरे चरण की मेट्रो का संशोधित डीपीआर सितंबर 2022 में शासन को सौंपा गया था। वर्ष 2019 तक लखनऊ में मेट्रो चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक 22.89 किलोमीटर ट्रैक पर दौड़ रही है।
रास्ते में सचिवालय, हजरतगंज, लवि, आइटी कालेज जैसे प्रमुख संस्थान होने के बावजूद मेट्रो घाटे में दौड़ रही है। जिस मेट्रो में प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख लोगों को सफर करना चाहिए, उसमें बमुश्किल 80 हजार यात्री मिल पा रहे हैं। चौक जैसा शहर का बड़ा इलाका अब भी मेट्रो से नहीं जुड़ पाया है। इस कारण शहर में बेतरतीब आटो, ई-रिक्शा जाम का बड़ा कारण बन रहे हैं।
वर्ष 2019 से लखनऊ में मेट्रो के विस्तार की नए सिरे से कवायद शुरू हुई। इसी साल पांच मार्च को 11.165 किमी. के ईट-वेस्ट कारिडोर को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस मेट्रो प्रोजेक्ट को पांच साल की जगह केवल साढ़े तीन साल में ही पूरा करके शहर के बड़े हिस्से को राहत दी जाएगी।
ऐसे बनेगा ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर
– 5801.05 करोड़ रुपये खर्च होंगे इस प्रोजेक्ट पर
– 30 जून 2027 तक इस कारिडोर पर दौड़ने लगेगी मेट्रो
– 11.165 किमी. लंबा होगा चारबाग से बसंत कुंज का कारिडोर
– 4.286 किमी. होगी एलिवेटेड रूट की लंबाई
– 6.879 किमी. होगी भूमिगत सेक्शन की लंबाई
– 12 मेट्रो स्टेशन होंगे इस कारिडोर पर
– 7 भूमिगत स्टेशनों से गुजरेगी मेट्रो
– 5 एलिवेटेड स्टेशन होंगे कारिडोर में
इस तरह बढ़ी प्रोजेक्ट की लागत
– 3786 करोड़ रुपये थी फरवरी 2019 में अनुमानित लागत
– 2021 में यह लागत बढ़कर 4264.89 करोड़ रुपये हुई
– 5034 करोड़ रुपये पहुंची जुलाई 2023 के डीपीआर में लागत
– 5801.06 करोड़ रुपये हो गई अब बढ़कर लागत
ये होंगे स्टेशन
इस कारिडोर के चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा और नवाजगंज भूमिगत स्टेशन होंगे। ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग और बसंतकुंज तक मेट्रो एलिवेटेड ट्रैक पर मेट्रो दौड़ेगी। चारबाग मेट्रो स्टेशन लखनऊ के दोनों कारिडोर का जंक्शन बनेगा।
अभी तक इतना है दायरा
इस समय उत्तर-दक्षिण कारिडोर में 22.87 किमी. के सेक्शन पर 21 स्टेशनों पर मेट्रो दौड़ रही है। इसमें 19 स्टेशन एलिवेटेड और तीन भूमिगत स्टेशन हैं। छह सितंबर 2017 से यह कारिडोर यात्रियों के लिए शुरू किया गया था। इसमें चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट, अमौसी, ट्रांसपोर्ट नगर, कृष्णानगर, सिंगारनगर, आलमबाग, आलमबाग बस स्टैंड, मवैया, दुर्गापुरी, चारबाग, हुसैनगंज, सचिवालय, हजरतगंज, केडी सिंह स्टेडियम, लखनऊ विश्वविद्यालय, आइटी कालेज, बादशाहनगर, लेखराज, भूतनाथ इंदिरा नगर और मुंशीपुलिया स्टेशन आते हैं।
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