खबर रफ़्तार, देहरादून : उत्तराखंड में गुरुजी कानूनी दांव पेंच में भी उस्ताद साबित हो रहे हैं। प्रदेशभर से शिक्षकों ने वरिष्ठता, पदोन्नति, पेंशन आदि विभिन्न मसलों को लेकर शिक्षा विभाग पर तीन हजार से ज्यादा वाद दायर किए हुए हैं। जिससे विभाग में साढ़े चार हजार से अधिक शिक्षकों की पदोन्नतियां लटक गई हैं। वाद दायर करने वाले शिक्षकों से बातचीत कर सुलह के लिए विभाग ने अधिकारियों को मैदान में उतार दिया है, जो अगले दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देंगे। शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के मुताबिक यदि शिक्षक मुकदमे वापस ले लें तो वे सभी चार हजार शिक्षकों की पदोन्नति एक सप्ताह के भीतर करने को तैयार हैं।
शिक्षा विभाग में शिक्षकों और प्रशिक्षित बेरोजगारों की ओर से लगातार वाद दायर किए जाने से शिक्षा व्यवस्था लड़खड़ा गई है। शिक्षकों के मुताबिक इसके लिए पूरी तरह से विभाग जिम्मेदार है। उनके मसलों पर अधिकारी समय पर निर्णय नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि शिक्षक कोर्ट जा रहे हैं। पदोन्नति और तबादला उनका अधिकार है। यदि समय पर पारदर्शी तबादले और समयबद्ध पदोन्नति नहीं होगी तो इसी तरह विभाग पर मुकदमे बढ़ते जाएंगे।
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा में 2500 ज्यादा वाद दायर हो चुके हैं। अधिकतर मामले पदोन्नति, वरिष्ठता, तबादले और नियुक्ति से संबंधित हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक वंदना गर्ब्याल बताती हैं कि बेसिक शिक्षा में 800 से ज्यादा मुकदमे हैं। वहीं, शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के मुताबिक विभाग पर विभिन्न वाद होने से शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हो पा रही हैं, स्कूलों में शिक्षक न मिल पाने से लाखों बच्चों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
- कहां कितनी पदोन्नतियां लटकीं