
खबर रफ़्तार, बरेली: आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा नमाज के बाद भीड़ जुटाकर रसूख दिखाना चाह रहा था। मौलाना के बेहद खास पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने पुलिस को बताया कि मौलाना बरेली में डेढ़ साल से अपने बूते भीड़ नहीं जुटा पाने से चिंतित था। वह मजहब की आड़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुसलमानों के बीच पैठ बनाकर उनका रहनुमा बनना चाहता था।

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां शुक्रवार की नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में बड़ी संख्या में भीड़ जुटाकर अपना रसूख दिखाना चाह रहा था। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस रहे राजनीतिक दलों को भी अपना दमखम दिखाना था। पूछताछ में आईएमसी के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने पुलिस को यह जानकारी दी।
नदीम खां ने पुलिस को बताया कि डेढ़ साल से मौलाना तौकीर अपने बूते बरेली में बड़ी संख्या में भीड़ नहीं जुटा पाया था। मौलाना की फितरत के अनुसार एक अरसे से बरेली में कुछ हो भी नहीं रहा था।
इस वजह से वह अपने रसूख को लेकर फिक्रमंद रहने लगा था। आई लव मोहम्मद का संवेदनशील मसला कानपुर से उठा तो मौलाना को लगा कि मजहब की आड़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुसलमानों के बीच पैठ बनाकर वह उनका रहनुमा बन सकता है।

आरोपी नदीन खान
साथ ही, 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को भी अपने सियासी रसूख का अहसास करा सकता है। खुद को मुस्लिमों का रहनुमा बताकर ही तौकीर समय-समय पर कांग्रेस, सपा और बसपा के करीब रहा है।
सियासी रसूख के चक्कर में मौलाना ने बवाल की साजिश रची
मौलाना तौकीर को हाउस अरेस्ट कर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की तो नदीम शाहजहांपुर के कटरा क्षेत्र में अपने मामा के घर भाग गया था। पुलिस की पूछताछ में नदीम ने कहा कि बवाल के लिए लोगों को इकट्ठा करने में उसकी अहम भूमिका नहीं है।


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