राजधानी में पहली बार अनोखी गश्त: रात में खुद सड़कों पर उतरे विशेष पुलिस आयुक्त

खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: बीती रात गश्त की जांच के लिए पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा पहुंचे।

राष्ट्रीय राजधानी में अनोखी जनरल गश्त(रात के समय में सभी पुलिस अधिकारियों को इलाके में उतरना) होने जा रही है। दिल्ली पुलिस में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सब-इंस्पेक्टर(एसआई) से लेकर विशेष पुलिस आयुक्त (स्पेशल सीपी) गश्त के दौरान सड़कों पर उतरेंगे। बीती रात गश्त की जांच के लिए पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा पहुंचे।

एसआई से लेकर स्पेशल सीपी को ये भी बताया गया है कि उन्हें जनरल गश्त के दौरान क्या करना है। सभी बड़े क्राइम सीन या संगठित अपराध वाली जगहों पर पीसीआर वैन, ट्रैफिक कर्मी, गश्त करने वाली मोटरसाइकिल, इंस्पेक्टर व उनसे सीनियर पुलिस अधिकारी अब मौके पर पहुंचेंगे। जरनल गश्त नियमित अंतराल पर हुआ करेगी।

दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त(अपराध) देवेश चंद्र श्रीवास्तव की ओर से नौ अक्तबूर को जारी एक आदेशानुसार जनरल गश्त 11 व 12 अक्तूबर की रात 12 बजे से तड़के 4 बजे तक होगी। एसआई से लेकर विशेष सीपी तक के जनरल गश्त के दौरान सड़कों पर उतरेंगे। आदेश के साथ एक परफोमा भी दिया गया है, जिसे जनरल गश्त को लेकर भरकर पुलिस आयुक्त कार्यालय भेजना है। आदेश में ये भी बताया गया है कि फलां रेंक के अधिकारी को कौनसी और क्या रिपोर्ट भेजनी है।

जनरल गश्त में किसको क्या करना है-
एसआई
 

  • पुलिस स्टेशन के रात्रि जांच अधिकारी के रूप में क्षेत्र का पर्यवेक्षण करना।
  • निर्धारित पुलिस स्टेशन क्षेत्र में रात्रि गश्त करवाना सुनिश्चित करना।
  • गश्त और पिकेट स्टाफ को निर्देश जारी करना।
  • संदिग्धों और वाहनों की एफआरएस जांच,
  • ई-बीट-बुक एप का उपयोग करके संदिग्धों की जांच करना
  • सीआरआईएस आदि के माध्यम से संदिग्धों की जांच करना ।
  • क्लस्टर और अन्य संवेदनशील या अपराध-प्रवण स्थानों का निरीक्षण।
  • पुलिस स्टेशन के किसी भी पिकेट बिंदु पर कम से कम एक घंटे तक पिकेट जांच करना।
  • युवाओं को बाहर ले जा रहे वाहनों की जांच करना।

निरीक्षक
पुलिस स्टेशन स्तर का पर्यवेक्षण और समन्वय।
रात्रि गश्त में तैनात सभी पुलिसकर्मियों की ब्रीफिंग।
संवेदनशील प्रतिष्ठानों (बैंकों, एटीएम, धार्मिक स्थानों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों) और उप-मंडल के कुछ पिकेटों की जांच। फीड-बैक रजिस्टर में सीमावर्ती पिकेटों का दौरा।
सब-डिवीजन में प्राप्त सभी महत्वपूर्ण पीसीआर कॉल पर त्वरित कार्रवाई।
सब-डिवीजन के किसी भी पुलिस स्टेशन क्षेत्र में सामूहिक जांच का भौतिक रूप से पर्यवेक्षण करना।

सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी)

  • सब-डिवीजन का निरीक्षण करना।
  • उप-मंडल के भीतर एक या एक से अधिक पुलिस स्टेशनों की रात में चेकिंग करना।
  • परीक्षण कॉल के माध्यम से गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों और प्रतिक्रिया समय का निरीक्षण करना।
  • अंतर-राज्यीय पुलिस के साथ संपर्क करना और सटे हुए सीमावर्ती क्षेत्र में चुनी हुई तारीख पर कॉम्बिंग एंड सर्च ऑपरेशंस (सीएएसओ) का संचालन करना।
  • एक जेजे क्लस्टर का दौरा करना जरूरी है। इसके अलावा कार्यरत क्लस्टर सुरक्षा समिति की जांच करना।

पुलिस उपायुक्त(डीसीपी)

  • गश्त के दौरान जिला-स्तरीय नेतृत्व करना।
  • पुलिस स्टेशनों का दौरा करना और चेकिंग करना।
  • नियंत्रण कक्षों और गश्ती इकाइयों के बीच समन्वय की जांच।
  • परीक्षण कॉल करके स्थितियों के आकलन के लिए एसएचओ और एसीपी के साथ बातचीत करना।
  • जिला लाइन और आरक्षित कर्मचारियों और रसद की उपलब्धता की जांच करना।

संयुक्त पुलिस आयुक्त

  • रेंज-स्तरीय नेतृत्व करना।
  • कई जिलों या क्षेत्रों में रात में बेतरतीब ढंग से निरीक्षण करना।
  • जिला-व्यापी गश्त की ताकत, पैटर्न और प्रतिक्रियाशीलता का मूल्यांकन करना।
  • महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और अंतर-राज्यीय पिकेटों की जांच करना।
  • किसी भी अपराध के हॉट स्पॉट पर पीसीआर/ट्रैफिक/मोटर साइकिल और इंस्पेक्टर और उससे ऊपर के रैंक के सभी अधिकारियों को बुलाना।
  • जिला-व्यापी गश्त की ताकत, पैटर्न और प्रतिक्रियाशीलता का मूल्यांकन करना।

विशेष पुलिस आयुक्त

  • क्षेत्रीय स्तर की कमान संभालना
  • केस प्रॉपर्टी मालखाना की जांच करना और किन्हीं दो पुलिस स्टेशनों के रजिस्टर नंबर 19 की जांच करना।
  • रात में आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयारियों का आकलन करना
  • रात की ड्यूटी के प्रदर्शन का ऑडिट करना (कांस्टेबल से एसपी तक)।

इस तरह की गश्त पहली बार हो रही है-
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस तरह की गश्त राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार हो रही है। इससे पहले जनरल गश्त होती थी और ज्यादातर जिला प्रमुखों समेत कुछ ही अधिकारी समेत पुलिस आयुक्त गश्त पर उतरते थे। अब जनरल गश्त के दौरान सभी को इलाकों में उतरना है। ये भी पहली बार हो रही है कि जनरल गश्त के दौरान ये बताया गया है कि उनके कर्तव्य, भूमिका व ड्यूटी क्या-क्या हैं।

आपराधिक वारदातों को रोकने, संगठित अपराध पर काबू करने, मादक पदार्थों की ब्रिकी को रोकना और बदमाशों को काबू करने के लिए जनरल गश्त करने का कदम उठाया गया है। जनरल गश्त होने से सारे पुलिस अधिकारी एक साथ इलाकों में उतरेंगे।

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