खबर रफ़्तार, वाराणसी: वाराणसी में गंगा के बढ़ाव के कारण उसकी सहायक नदी वरुणा भी उफान पर है। इस कारण आबादी वाले क्षेत्र में समस्याएं खड़ी हो गई हैं। लोग दूसरे स्थान पर जाकर रह रहे हैं। वहीं, डीएम ने इन इलाकों को निरीक्षण कर अफसरों को राहत कार्य के निर्दश दिए हैं।
वाराणसी में में गंगा खतरे के निशान 71.26 को पार गई है। इस कारण जहां 84 घांटों का संपर्क टूट गया है, वहीं इसके किनारे तीन हजार से ज्यादा मंदिर डूब गए हैं। शीतला घाट पर मां का मंदिर भी जलमग्न हो गया है। जल पुलिस की चाैकी भी पानी में डूब चुकी है। वहीं, जिलाधिकारी ने आबादी क्षेत्र में जाकर यहां का हाल जाना।
आसपास के लोगों ने अंदेशा जताया कि अगर इसी तरह के हालात रहे तो सभी सीढि़यां भी डूब जाएंगी। बीते शनिवार की रात 12 बजे गंगा का जलस्तर 71.71 मीटर पहुंच गया। 84 घाटों को डुबोने के बाद अब गंगा शहर में प्रवेश कर चुकी हैं।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार से गंगा 14 सीढ़ी नीचे हैं। दशाश्वमेध घाट की तीन सीढि़यां बची हैं। शीतला घाट पर मंदिर पूरी तरह से पानी में समाहित हो चुका है और सिंधिया घाट पर रत्नेश्वर महादेव के मंदिर के शिखर का कुछ हिस्सा ही नजर आ रहा है। नमो घाट पर बने स्क्ल्पचर भी डूब गए हैं। लोग घरों में फंसे हैं।
अस्सी घाट पर गंगा का पानी सड़क पर बह रहा है। जगन्नाथ मंदिर के गेट के पास पहुंच गया है। बढ़ती भीड़ को देख पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है। सामनेघाट स्थित अघोर फाउंडेशन के पास से महेशनगर कॉलोनी में पानी आ गया है। पूरे शहर में 50 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
हजारों की आबादी बाढ़ के आगे बेबस : गंगा और वरुणा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर ने तटीय इलाकों के हजारों लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शनिवार को वरुणा नदी में सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक 12 फीट बढ़ाव रिकॉर्ड किया गया।
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