
ख़बर रफ़्तार, हल्द्वानी : 1975 से चल रही जमरानी बांध परियोजना को धामी सरकार में एक और अहम स्वीकृति मिली है। बजट सत्र के दौरान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 710 करोड़ इस पर खर्चे को मंजूरी दे दी। बांध के डूब क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी इस निर्णय की सराहना की है। साथ कहा कि अब विस्थापन और पुनर्वास मामले को भी तेजी से निपटाना चाहिए।
वहीं, 27 फरवरी को बजट सत्र के दूसरे दिन सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में बांध निर्माण को लेकर 710 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वहीं, डूब क्षेत्र में आ रहे छह गांवों के लोगों का कहना है कि अब उन लोगों के विस्थापन और मुआवजे की प्रक्रिया में देरी न की जाए।
विस्थापन से जुड़ी प्रक्रिया के जल्द निपटान की मांग
वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले बजट की स्वीकृति का निर्णय सराहनीय है। सरकार को अब विस्थापन से जुड़ी प्रक्रिया को जल्द निपटाना चाहिए।
-चिराग बोरा, युवा पनियाबोर
बजट सत्र में लिए फैसले का सभी लोग स्वागत करते हैं। अब स्थानीय स्तर पर अटकी विस्थापन और पुनर्वास सूची का अंतिम प्रकाशन में देरी न हो।
-हरेंद्र सिंह, निवासी मुरकुड़िया
बांध निर्माण से जुड़ी सभी बाधाएं दूर हो चुकी है। डूब क्षेत्र के छह गांवों से जुड़े मामले में देरी से असमंजस की स्थिति है। अब विस्थापन प्रक्रिया पूरी हो।
-जीवन सिंह, निवासी गनराड़
केंद्र, राज्य सरकार से अनुमति मिल गई। बाघ कारीडोर का मामला भी निपट गया। अब ग्रामीणों को विस्थापन और पुनर्वास के मामले में और न लटकाया जाए।
-नवीन पलड़िया, अध्यक्ष बांध संघर्ष समिति
30 मार्च तक जमा कर सकेंगे बांध निर्माण का टेंडर
जमरानी बांध निर्माण का टेंडर अब आचार संहिता में नहीं फंसेगा। मंगलवार को आनलाइन टेंडर जारी हो गया। यूके टेंडर वेबसाइट पर बांध निर्माण संबंधी सभी शर्ते और नियम अपलोड कर दिए गए हैं। 30 मार्च तक इच्छुक कंपनियां आनलाइन प्रतिभाग कर सकती है। टेंडर विज्ञप्ति में साफ कहा गया है बांध निर्माण से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए वेबसाइट पर सूचना दी जाएगी।
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