14 C
London
Saturday, July 27, 2024
spot_img

दिल्ली सरकार को लगा दोहरा झटका, जल बोर्ड और शराब घोटाले से जुड़ा है मामला

ख़बर रफ़्तार, नई दिल्ली। आबकारी नीति घोटाला मामले में ईडी ने शनिवार को परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से पांच घंटे तक पूछताछ की। उनसे ईडी मुख्यालय में पूछताछ की गई। ईडी ने कुछ दिन पहले गहलोत को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था।

नजफगढ़ से आप के विधायक गहलोत दिल्ली सरकार में परिवहन, गृह और कानून मंत्री हैं। आबकारी नीति घोटाले में ईडी ने हाल ही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। गहलोत तय समय पर सुबह 11.30 बजे ईडी मुख्यालय पहुंच गए थे। सूत्रों के मुताबिक उनसे 50 से अधिक सवाल पूछे गए। दोबारा भी जल्द पूछताछ की जाएगी। उन्हें कुछ दस्तावेज मुहैया कराने को कहा गया है।

मुश्किल में एक और मंत्री

इस घोटाले में नाम आने से अब गहलोत की भी मुश्किलें बढ़ सकती है। 2021-2022 में जब नई आबकारी नीति बनी थी तब गहलोत तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ मंत्रियों के समूह (जीओएम) का हिस्सा थे।

ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति साउथ ग्रुप शराब लाबी को लीक की गई थी, जिसमें भारत राष्ट्र समिति पार्टी की नेता के. कविता भी शामिल थीं। साउथ ग्रुप पर आप और उसके नेताओं को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है।

 

मोबाइल सेट का आइएमईआइ नंबर तीन बार बदला

ईडी का आरोप है कि कैलाश गहलोत ने सिम नंबर तो एक ही रखा, लेकिन मोबाइल का आइएमईआइ (अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान) नंबर तीन बार बदला गया। आइएमईआइ नंबर का उपयोग फोन के चोरी या खोने की स्थिति में ट्रैक करने के लिए किया जाता है।

यह है मामला यह मामला

2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद कर दिया गया।

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।

घोटाले का पैसा चुनावी फंड में दिया गया: ईडी

ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को अदालत में आरोपपत्र दायर कर दिया। करीब 8,000 पेज का यह आरोपपत्र मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में दायर किया गया। ईडी ने आरोपितों पर पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी है। अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के लिए एक अप्रैल की तारीख तय की है।

ईडी ने आरोप लगाया है कि जल बोर्ड द्वारा जारी एक ठेके में भ्रष्टाचार से मिला पैसा आम आदमी पार्टी को चुनावी फंड के रूप में दिया गया था। आरोपपत्र में चार व्यक्तियों और एक कंपनी को आरोपित बनाया गया है। इनमें डीजेबी के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल, एनबीसीसी के पूर्व महाप्रबंधक डीके मित्तल, तेजिंदर सिंह और एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड शामिल हैं।

ईडी ने मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। इसके बाद एजेंसी ने केजरीवाल को 21 मार्च को आबकारी नीति घोटाला से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले ईडी ने फरवरी में जांच के तहत केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार, आप के राज्यसभा सदस्य और कोषाध्यक्ष एनडी गुप्ता, पूर्व डीजेबी सदस्य शलभ कुमार, चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज मंगल और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी।

अरोड़ा और अग्रवाल को 31 जनवरी को किया था गिरफ्तार

ईडी के मामले का आधार सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआइआर है। इसमें जगदीश कुमार अरोड़ा पर एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का ठेका देने का आरोप लगाया गया है। कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी। इसके बावजूद उसे ठेका दिया गया। ईडी ने मामले में अरोड़ा और अग्रवाल को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।

एजेंसी ने दावा किया है कि एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ने जाली दस्तावेज जमा करके अनुबंध हासिल किया और अरोड़ा को इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता को पूरा नहीं करती है। ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया है कि एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर को ठेका देने के बाद अरोड़ा ने नकद और बैंक खातों में रिश्वत ली और डीजेबी मामलों का प्रबंधन करने वाले विभिन्न लोगों को पैसा दिया। इसमें आम आदमी पार्टी से जुड़े लोग भी शामिल थे।

 

- Advertisement -spot_imgspot_img
Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here