ख़बर रफ़्तार, देहरादून: प्रदेश में अब केवल वही ब्लड बैंक चलेंगे, जो अस्पताल परिसर के भीतर होंगे। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इससे जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया है। अस्पताल से बाहर के ब्लड बैंकों को लाइसेंस जारी नहीं होंगे। चैरिटेबल होने की वजह से आईएमए ब्लड बैंक इस नियम से अलग रखा गया है।
अपर आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ताजबर सिंह ने शनिवार को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें कहा गया कि सीडीएससीओ ने ब्लड बैंक संबंधी नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत उत्तराखंड में भी ब्लड बैंक का लाइसेंस केवल उन्हीं को मिलेगा, जो अस्पताल परिसर के भीतर स्थित हैं। जो अस्पताल में नहीं हैं, उन्हें लाइसेंस देने या नवीनीकरण के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
ऐसे ब्लड बैंकों के लिए आवेदन अनुमोदन के लिए केंद्रीय लाइसेंसिंग अनुमोदन प्राधिकरण को नहीं भेजे जाएंगे। राज्य औषधि प्रशासन औषधि नियम, 1945 के नियम 122-जी के तहत इस नीति को लागू किया गया है। इस नियम के अनुसार, ब्लड बैंकों के संचालन या मानव रक्त घटकों की तैयारी के लिए लाइसेंस देने या नवीनीकरण के लिए आवेदन उन संगठनों की ओर से आने चाहिएं, जो अस्पताल परिसर के भीतर स्थित होने के साथ ही मानदंडों को पूरा करते हों। बताया, कुछ ब्लड बैंक अस्पताल परिसरों से बाहर संचालित हो रहे हैं, जिनका लाइसेंस नवीनीकरण नहीं होगा। बताया, आईएमए ब्लड बैंक चैरिटेबल होने के नाते इस नियम के दायरे में नहीं आएगा।
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