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Saturday, July 27, 2024
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बरेली : कोई यह बात कहे तो हो जाएं सावधान, क्योंकि ये गैंग पलक झपकते ही कर देता है वारदात

ख़बर रफ़्तार, बरेली:  कार से जाते वक्त कोई किशोर या बच्चा आपको तेल टपकने का इशारा करे तो सावधान हो जाएं। वहां कार रोकने से बचें। रोकें भी तो मोबाइल फोन और रुपये समेत जरूरी सामान साथ ले लें। ऐसा इसलिए करें ताकि बच्चा गैंग की हरकत से आपका बचाव हो सके। बरेली में ये गैंग लोगों की रकम, मोबाइल फोन और लैपटॉप उड़ा चुका है।

शौक पूरे करने और जल्दी अमीर बनने की चाहत में किशोर अपराध के दलदल में कूद रहे हैं। हाल ही में कोतवाली व प्रेमनगर इलाके में हुई घटनाओं में किशोरों के गिरोह के शामिल होने की पुष्टि हुई है। आशंका है कि घुमंतू परिवारों के किशोर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

इससे पहले भी कई बार मोबाइल फोन चोरी, टप्पेबाजी और बाइक चोरी जैसी घटनाओं में किशोरों की भूमिका सामने आई है। पिछले साल जंक्शन पर तार चोरी करने वाले किशोरों को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया था। छोटी-मोटी घटनाएं करने पर पुलिस भी इन पर शिकंजा नहीं कस पाती है। ऐसे में अपराध के प्रति इनका रुझान बढ़ जाता है।

नशे की लत बना रही अपराधी

जानकारों के मुताबिक नशे की लत किशोरों को अपराधी बना रही है। किशोर जल्दी रईस होने और चकाचौंध भरी जीवनशैली के लिए कम उम्र में अपराध कर रहे हैं। कुछ किशोर दोस्तों के साथ गैंग बनाकर अपराध कर रहे हैं। कुछ मामलों में यह भी देखने में आया है कि बड़े अपराधी बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ साल पहले इज्जतनगर में इस तरह का मामला सामने आया था। इसमें मां पर आरोप लगा था कि वह अपने बेटे से चोरी करवाती थी।

शादी समारोह में भी सक्रिय रहता है गैंग-शादी समारोह से बैग चोरी करने के कई मामलों में भी किशोरों की भूमिका सामने आई है। किसी समारोह, सार्वजनिक या सुनसान स्थान पर अगर आपको संदिग्ध किशोर दिखें तो सावधानी बरतें और अपने सामान की देखभाल करें।

प्रेमनगर पुलिस पस्त, हाथ नहीं आया बच्चा गैंग

कानपुर के जूता व्यापारी की कार से पांच लाख रुपये लेकर भागे किशोरों का गैंग पांच दिन बाद भी हाथ नहीं आ सका है। प्रेमनगर पुलिस पस्त हो चुकी है। पीलीभीत में भी उसी दिन तीन घंटे पहले इस गिरोह ने ऐसी ही घटना की थी। वहां भी बरेली निवासी कंपनी सेकेटरी के साथ कार रोककर टप्पेबाजी की गई थी।

प्रेमनगर में घटना के बाद दोनों किशोर ई-रिक्शा में बैठकर भागे थे। फुटेज से महसूस हुआ कि उनके साथ दो लोग और थे। इनकी फुटेज सिटी स्टेशन को जाने वाली रेल पटरी तक दिखी और फिर ये कहीं कैमरे की नजर में नहीं आए। दोनों जिलों के घटनास्थल पर सक्रिय नंबरों के लिहाज से सर्विलांस सेल भी जुटी है पर अभी तक सफलता नहीं मिली है।

मनोवैज्ञानिक अनुग्रह एडमंड ने बताया कि कई बार किशोर छिटपुट अपराध शुरू करते हैं पर परिजनों को इसकी भनक तक नहीं होती। इसलिए परिजनों को भी बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। किशोरों पर जरूरत से अधिक रुपये और महंगी चीजें दिखने पर उनसे पूछताछ करनी चाहिए। किशोरों के साथ परिजनों को नरम व्यवहार रखना चाहिए, ताकि कोई परेशानी होने पर वह उनको बताने में संकोच न करे।

एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने बताया कि हालिया घटनाओं में किशोर आरोपी होने की पुष्टि हुई है। प्रेमनगर के मामले में पुलिस व सर्विलांस सेल मिलकर काम कर रही हैं। जल्द आरोपियों को पकड़ा जाएगा। लोगों को भी ऐसी स्थिति में धैर्य से काम लेने की जरूरत है।

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