बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड: पहाड़ से तराई और यूपी तक बाबा तरसेम सिंह की संपत्ति, अब जांच कर रही पुलिस

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ख़बर रफ़्तार, ऊधमसिंह नगर:  बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस जिन-जिन एंगलों पर काम रही है, उनमें एक एंगल संपत्ति विवाद का भी बताया जा रहा है। इसकी पुलिस बारीकी से जांच कर रही है। नानकमत्ता के धार्मिक डेरा कार सेवा की संपत्ति ऊधमसिंह नगर जिले के अलावा चंपावत, बागेश्वर जिलों और उत्तर प्रदेश में भी हैं।

साल 1974 में नानकमत्ता में धार्मिक डेरा कार सेवा की स्थापना बाबा हरवंश सिंह व फौजा सिंह ने गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब की सेवा के लिए की थी। बाद में बाबा तरसेम सिंह ने संगत के सहयोग से गुरद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब को भव्य रूप दिया।
नानकमत्ता में डेरा कार सेवा के अधीन गुरुनानक एकेडमी इंटर कॉलेज, श्री गुरुनानक देव स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पंथ रतन बाबा हरवंश सिंह, बाबा टहल सिंह चैरिटेबल अस्पताल और गुरुद्वारा दूधवाला कुआं हैं।

बताया जा रहा है कि जिले के किच्छा में गुरुद्वारा नानकपुरी टांडा और काशीपुर में गुरुद्वारा ननकाना साहिब भी डेरा कार सेवा के अधीन हैं। कुमाऊं के पर्वतीय जिलों चंपावत में गुरुद्वारा रीठा साहिब व बागेश्वर में गुरुद्वारा थड़ा साहिब भी डेरा कार सेवा के अधीन हैं।

बताया था जान को खतरा

धार्मिक डेरा कार सेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह ने छह मार्च को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने शासन-प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी। विज्ञप्ति में उन्होंने बताया था कि उनके नाम पर कोई भी निजी संपत्ति नहीं है, जो सम्पत्ति है डेरा कार सेवा के नाम पर है।

अधूरी रह गई अयोध्या में सराय बनाने की इच्छा 

धार्मिक डेरा कार सेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की अयोध्या धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सराय बनाने की इच्छा अधूरी ही रह गई। बाबा तरसेम सिंह के सचखंडवासी होने के बाद नानकमत्ता सहित विभिन्न जगहों पर श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए चल रहे विकास कार्य रुक गए हैं। जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के साथ ही गुरुद्वारा रीठा साहिब सहित डेरे से जुड़े गुरुद्वारों के सौंदर्यीकरण और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते थे। गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाबा तरसेम सिंह ने तीन मंजिला 54 वातानुकूलित कमरों का निर्माण शुरू किया था। ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर के 36 कमरे बन चुके हैं।

तीसरी मंजिल का निर्माण कार्य एक दो दिन में शुरू होना था। चंपावत स्थित गुरुद्वारा रीठा साहिब में 60 कमरों का अधर्निर्मित यात्री निवास का ढांचा बन चुका है। गुरुद्वारा में लगने वाले जोड़ मेले से पहले इसे यात्रियों के ठहरने के लिए तैयार करने की तैयारियां जोरों पर थीं।

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