ख़बर रफ़्तार, नानकमत्ता: अपनी जान को खतरा बताते हुए डेरा कार सेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह ने शासन-प्रशासन से सुरक्षा मांगी थी। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इससे अनभिज्ञता जताई है, वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर साफ हो रहा है कि आखिर सुरक्षा मांगे जाने के बाद भी उक्त मामले पर पुलिस द्वारा कार्रवाही न किये जाने पर प्रशासन उक्त मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाही क्यो नही कर रहा, सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर सुरक्षा मुहैय्या करायी गयी होती तो सम्भावित उक्त घटना नही होती। बताया जा रहा है कि बाबा तरसेम ने करीब 23 दिन पहले धर्म विरोधी असामाजिक तत्वों से जान का खतरा बताते हुए शासन-प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी।
उनका कहना था कि उनके नाम पर कोई भी निजी संपत्ति नहीं है, जो संपत्ति है, वह डेरा कार सेवा के नाम पर है। प्रमुख सेवादार होने के नाते वह देखभाल करते हैं। वह न कोई संपत्ति खरीद सकते हैं और ना ही बेच सकते हैं। धर्म विरोधी लोग निजी स्वार्थ के चलते उन पर आरोप लगाते रहे हैं उन्होंने बताया था कि मामले को लेकर लगाये गये सभी आरोपी बेबुनियादी साबित हुए है तथा जाॅच में झूठे पाए गए, ऐसे मे उनके द्वारा सुरक्षा की गुहार के बावजूद भी उनकी सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं किया जाना प्रशासन की कार्य प्रणाली को सवालो के घेरे में लाकर खड़ा करता है।
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