14 C
London
Saturday, July 27, 2024
spot_img

कानपुर में अदाणी का हथियार प्लांट तैयार, बनेंगे ड्रोन, मिसाइलें और तोप, सीएम योगी कल करेंगे उद्घाटन

ख़बर रफ़्तार, लखनऊ:  कानपुर डिफेंस कॉरिडोर में अदाणी समूह की डिफेंस इकाई तैयार हो गई है। 200 हेक्टेयर में बनी इस इकाई में तोप से लेकर ड्रोन, हथियार और गोला बारूद बनेंगे। यहां शॉर्ट रेंज मिसाइलें भी बनाई जाएंगी। 26 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्लांट का उद्घाटन करेंगे। ये एशिया की सबसे बड़ी गोला-बारूद निर्माण इकाई है। इस अवसर पर अदाणी ग्रुप के एमडी और गौतम अदाणी के बेटे करन अदाणी भी मौजूद रहेंगे।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए कानपुर साढ़ स्थित डिफेंस कॉरिडोर में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की पहली यूनिट तैयार हो गई है। करीब 1500 करोड़ से तैयार इस स्माल कैलिबर एम्यूनेशन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में मार्च से तोप-गोले और हैंड ग्रेनेड का उत्पादन शुरू हो जाएगा। प्लांट की पहली यूनिट में सबसे पहले रायफल लाइट मशीन गन (एलएमजी) एके-47 और कार्बाइन की गोलियां बनेंगी। अगले चरण में आर्टिलरी गन गोला-बारूद तोपें और हैंड ग्रेनेड समेत सेना के लिए अलग-अलग तरह के अस्त्र-शस्त्र व सुविधाओं संबंधित उत्पाद बनेंगे। मार्च तक उत्पादन शुरू करने का खाका खींचा गया है।

रूस-यूक्रेन जंग में इस्तेमाल टोड तोप भी बनेगी

भविष्य में यहां टोड तोप की सीरीज बनाने की भी तैयारी है। टोड तोपों का प्रयोग वियतनाम से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध तक में हो चुका है। पहली यूनिट का परीक्षण पूरा कर लिया गया है। मेक इन इंडिया के तहत बुलेट प्रूफ जैकेट, ड्रोन, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर व मिसाइल तक यहां बनेगी। डिफेंस कॉरिडोर में गोलियां बनने के साथ भंडारगृह भी बनाया गया है। अभी आसपास और जमीन देखी जा रही है, जिससे रक्षा क्षेत्र से जुड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा सकें। समूह उन्हें भी काम देगा। झांसी और चित्रकूट स्थित डिफेंस कॉरिडोर नोड से भी सीधे जुड़ाव का फायदा मिलेगा।

भारत में 7 सालों में रक्षा निर्यात में आया 10 गुना उछाल

भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में देश ने रक्षा निर्यात में अहम उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा निर्यात 16 हजार करोड़ के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा, जो 2016-17 की तुलना में 10 गुना से ज्यादा है। भारत आज 85 से ज्यादा देशों को निर्यात कर रहा है।

नीतिगत सुधार से बढ़ रहा निर्यात

रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले 5-6 वर्षों के दौरान कई नीतिगत पहल और सुधार किए हैं। कई देशों से निर्यात के अनुरोध को वास्तविक समय के आधार पर ऑनलाइन पोर्टल से पंजीकृत भारतीय रक्षा निर्यातकों तक पहुंचाया जाता है, ताकि वे निर्यात अवसरों पर प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो सकें।

इन भारतीय रक्षा हथियारों की बढ़ रही मांग

करीब आठ साल पहले तक आयातक के तौर पर पहचाना जाने वाला भारत आज डोर्नियर-228, 155 एमएम एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन्स (एटीएजी), ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल सिस्टम्स, रडार, सिमुलेटर, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल्स, आर्म्ड व्हीकल्स, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, एम्युनिशन, थर्मल इमेजर, बॉडी आर्मर, सिस्टम, लाइन रिप्लेसिएबिल यूनिट्स और एवियॉनिक्स और स्मॉल आर्म्स जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स का निर्यात करता है। दुनिया में एलसीए तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट कैरियर की मांग बढ़ रही है।

ये भी पढ़ें…नकल करते पकड़े जाने पर चिट मिला तो भी एग्जाम से नहीं होंगे बाहर, जानें- क्या है नया नियम

 

- Advertisement -spot_imgspot_img
Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here