
खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: आज यानी 10 अक्तूबर को देशभर में करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत का पारण चांद निकलने के बाद ही किया जाता है। ऐसे में आइए इस दिन के शुभ मुहूर्त से लेकर चांद निकलने के समय को विस्तार से जानते हैं।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस वर्ष यह पावन पर्व 10 अक्तूबर यानी आज मनाया जा रहा है। यह दिन प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। मान्यता है कि जो भी महिला इस दिन व्रत रखती हैं और करवा माता की पूजा-अर्चना करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य, दांपत्य सुख और पारिवारिक समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा करवा चौथ में चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। दरअसल, व्रत का पारण हमेशा चंद्र दर्शन के बाद किया जाता है और बिना इसके व्रत अधूरा होता है। ऐसे में आइए इस दिन के महत्व और पूजन को विस्तार से जानते हैं।
करवा चौथ 2025
- पंचांग के मुताबिक चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 9 अक्तूबर को देर रात 10 बजकर 54 मिनट से हो चुका है।
- इस तिथि का समापन 10 अक्तूबर को शाम 07:38 मिनट पर होगा।
- तिथि के अनुसार 10 अक्तूबर यानी की आज करवा चौथ का व्रत मान्य होगा।
- करवा चौथ पर शाम 5 बजकर 57 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 11 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
करवा चौथ पूजा सामग्री
- मिट्टी का एक कलश, चंदन और तांबे का लोटा रख लें।
- फूल, फूल माला, दीपक ,धूप रोली, चावल, मिठाई, फल।
- मेवे, करवा चौथ की कथा की पुस्तक।
- छलनी शुद्ध जल, दूध और दान का सामान।
करवा चौथ व्रत के 5 खास नियम
- करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले ही सरगी ग्रहण करना शुभ होता है, इसके बाद किसी भी चीज का सेवन न करें।
- करवा चौथ के व्रत की कथा का पाठ हमेशा 16 श्रृंगार और लाल जोड़े में करना चाहिए।
- चंद्रमा देखने के बाद ही व्रत का पारण करें अन्यथा व्रत अधूर माना जाता है।
- इस दिन निर्जला उपवास रखें।
- व्रत में तामसिक चीजों का सेवन करें और नुकीली चीजों का उपयोग न करें।
- श्रीगणेश का मंत्र – ॐ गणेशाय नमः
- शिव का मंत्र – ॐ नमः शिवाय
- पार्वतीजी का मंत्र – ॐ शिवायै नमः
- स्वामी कार्तिकेय का मंत्र – ॐ षण्मुखाय नमः
- चंद्रमा का पूजन मंत्र – ॐ सोमाय नमः

- करवा चौथ के दिन करवा माता की पूजा करें और उनकी कथा का पाठ करें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि वास करती हैं।
- इस दिन सुहागिन महिलाओं को सुहाग की चीजों का दान करें। यह शुभ होता है।
- इस तिथि पर भगवान गणेश और गौरी शंकर की पूजा-अर्चना करें। इससे व्रत का संपूर्ण फल मिलता है।
- करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार के साथ चंद्रदेव की पूजा करें। इससे वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।
- 7 सुहागिन महिलाओं का आशीर्वाद लेकर व्रत का पारण करने से जीवन सुखमय बनता है।
| शहर (Karwa Chauth 2025 Moonrise Timing) | समय |
| दिल्ली Karwa Chauth Moon Time Delhi | रात 08:13 |
| नोएडा Karwa Chauth Moon Time Noida | रात 08:13 |
| मुंबई Karwa Chauth Moon Time Mumbai | रात 08:55 |
| कोलकाता Karwa Chauth Moon Time Kolkata | रात 07:41 |
| चंडीगढ़ Karwa Chauth Moon Time Chandigarh | रात 08:08 |
| पंजाब Karwa Chauth Moon Time Punjab | रात 08:10 |
| जम्मू Karwa Chauth Moon Time Jammu | रात 08:11 |
| लुधियाना Karwa Chauth Moon Time Ludhiana | रात 08:11 |
| देहरादून Karwa Chauth Moon Time Dehradun | रात 08:04 |
| शिमला Karwa Chauth Moon Time Simla | रात 08:06 |
| पटना Karwa Chauth Moon Time Patna | रात 07:48 |
| लखनऊ Karwa Chauth Moon Time Lucknow | रात 08:02 |
| कानपुर Karwa Chauth Moon Time Kanpur | रात 08:06 |
| प्रयागराज Karwa Chauth Moon Time Prayagraj | रात 08:02 |
| इंदौर Karwa Chauth Moon Time Indore | रात 08:33 |
| भोपाल Karwa Chauth Moon Time Bhopal | रात 08:26 |
| अहमदाबाद Karwa Chauth Moon Time Ahmedabad | रात 08:47 |
| चेन्नई Karwa Chauth Moon Time Chennai | रात 08:37 |
| बंगलूरू Karwa Chauth Moon Time Bengaluru | रात 08:48 |
| जयपुर Karwa Chauth Moon Time Jaipur | रात 08:22 |
| रायपुर Karwa Chauth Moon Time Raipur | रात 07:43 |
करवा चौथ आरती
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

करवा चौथ व्रत कथा
प्राचीन समय की बात है, एक साहूकार था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। करवा चौथ के दिन उसकी बहुओं और बेटी ने व्रत रखा। पूरे दिन उपवास रखने के बाद शाम को सब चांद निकलने का इंतजार करने लगे।बेटी बहुत भूखी और कमजोर हो गई थी, यह देखकर उसके भाइयों को उसकी हालत पर दया आ गई। वे नहीं चाहते थे कि उनकी बहन और ज्यादा कष्ट झेले, इसलिए उन्होंने एक चाल चली। वे नगर से बाहर गए और एक ऊंचे स्थान पर आग जलाकर एक छलावा किया ताकि वह आग का प्रकाश चांद जैसा लगे।भाइयों ने बहन से कहा कि चांद निकल आया है।
बहन ने बिना जांचे-परखे उनकी बात मान ली और अग्नि को चांद समझकर अपना व्रत तोड़ दिया। लेकिन जैसे ही उसने व्रत तोड़ा, उसी समय उसका पति बीमार पड़ गया और घर की सारी दौलत इलाज में खत्म हो गई।बाद में जब बहन को सच्चाई का पता चला, तो उसे अपने छल से टूटे व्रत पर बहुत पछतावा हुआ। उसने पूरी श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा की और अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी। उसकी सच्ची प्रार्थना और पूजा से उसका पति धीरे-धीरे ठीक हो गया और घर में फिर से सुख-शांति लौट आई।


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