खबर रफ़्तार, उपराष्ट्रपति चुनाव: उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कैसे होगा? चुनाव प्रक्रिया में क्या-क्या होता है? यह चुनाव होता कैसे है? कौन उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकता है? उपराष्ट्रपति का चुनाव कितना अलग होता है? इसमें कैसे जीत और हार का फैसला होता है? आइये जानते हैं…
भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए आज (9 सितंबर) चुनाव होना है। जहां भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने इस बार सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन की तरफ से बी. सुदर्शन रेड्डी को खड़ा किया गया है। चुनाव आयोग की तरफ से जारी कार्यक्रम के मुताबिक, वोटिंग सुबह 10.00 बजे से मध्याह्न 5.00 बजे के बीच नियमों के तहत निर्धारित मतदान स्थलों पर होगा। इसके बाद मतगणना होगी।
उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान होता कैसे है?
संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया का जिक्र है। यह चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति से किया जाता है, जो कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है। उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से होती है। आसान शब्दों में इस चुनाव के मतदाता को वरीयता के आधार पर वोट देना होता है। मसलन वह बैलट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसंद के उम्मीदवार को एक, दूसरी पसंद को दो और इसी तरह से अन्य प्रत्याशियों के आगे अपनी प्राथमिकता नंबर के तौर पर लिखता है। ये पूरी प्रक्रिया गुप्त मतदान पद्धति से होती है। मतदाता को अपनी वरीयता सिर्फ रोमन अंक के रूप में लिखनी होती है। इसे लिखने के लिए भी चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए खास पेन का इस्तेमाल करना होता है।
संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया का जिक्र है। यह चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति से किया जाता है, जो कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है। उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से होती है। आसान शब्दों में इस चुनाव के मतदाता को वरीयता के आधार पर वोट देना होता है। मसलन वह बैलट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसंद के उम्मीदवार को एक, दूसरी पसंद को दो और इसी तरह से अन्य प्रत्याशियों के आगे अपनी प्राथमिकता नंबर के तौर पर लिखता है। ये पूरी प्रक्रिया गुप्त मतदान पद्धति से होती है। मतदाता को अपनी वरीयता सिर्फ रोमन अंक के रूप में लिखनी होती है। इसे लिखने के लिए भी चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए खास पेन का इस्तेमाल करना होता है।
+ There are no comments
Add yours