ख़बर रफ़्तार, नोएडा: गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर गठबंधन से सपा प्रत्याशी के तय होने के बावजूद सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष है। वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष को कम व एकजुटता का संदेश देने के लिए आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा गठबंधन से सपा प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
पहले पार्टी ने डॉ. महेंद्र नागर को दिया था टिकट
गठबंधन के कारण सपा के खाते में आई गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर पहले पार्टी ने डॉ. महेंद्र नागर को टिकट दिया था। वह करीब दो साल पूर्व ही कांग्रेस छोड़कर सपा में आए थे।
महेंद्र नागर का टिकट काटकर राहुल अवाना को बनाया प्रत्याशी
सपा प्रत्याशी के एलान के महज चार दिन बाद ही डॉ. महेंद्र नागर का टिकट काटकर पार्टी ने युवा चेहरे राहुल अवाना को अपना प्रत्याशी बनाया था। राहुल अवाना गुट के सपा नेताओं ने अखिलेश यादव से मुलाकात में अपने साथ बड़ी संख्या में युवा वर्ग के साथ किसान नेताओं के साथ होने की बात कही थी, लेकिन राहुल अवाना के नाम का एलान होने के बाद कई पार्टी के नेता नाराज हो गए थे।
कई नेताओं ने सपा अध्यक्ष से मुलाकात करके राहुल अवाना को राजनीतिक अनुभव नहीं होने के साथ गुर्जर समाज का वोट नहीं मिलने की बात कही थी। वहीं डॉ. महेंद्र नागर भी टिकट कटने के बाद पुन: वापसी के सपने संजोए हैं।
उन्होंने अपने साथ गुर्जर बिरादरी के वोट अपने साथ होने की बात कही है। सपा के वरिष्ठ नेताओं को सुनने के बाद अखिलेश यादव ने होली के बाद वरिष्ठ नेताओं को लखनऊ बुलाया था।
लखनऊ तक पहुंचा था मामला
यही कारण है अखिलेश यादव से मुलाकात करने के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा से बड़ी संख्या में मंगलवार को सपा नेता और कार्यकर्ता लखनऊ रवाना हुए हैं। इनकी बुधवार यानी आज अखिलेश यादव के संग बैठक होगी। इसी बैठक में ही गठबंधन से सपा प्रत्याशी के नाम पर अंतिम निर्णय होगा।
माना जा रहा है कि अगर राहुल अवाना और डॉ. महेंद्र नागर से कार्यकर्ता और नेता संतुष्ट नहीं हुए तो किसी तीसरे व्यक्ति को भी टिकट दिया जा सकता है। इसे देखते हुए कई नेताओं ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने की भी तैयारी कर रखी है।
2009 के चुनाव में नरेन्द्र भाटी को बनाया था उम्मीदवार
बता दें कि सपा का लोकसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशी बदलने का पुराना इतिहास रहा है। सपा ने इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र भाटी को गौतमबुद्धनगर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन नामांकन से पहले उनका टिकट बदलकर गढ़ के पूर्व विधायक मदन चौहान को टिकट दे दिया था। विरोध के बाद सपा को फिर से नरेंद्र भाटी को प्रत्याशी बनाना पड़ा था।
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