एक अप्रैल से हाईवे पर बढ़ सकता है टोल टैक्स, एनएचएआई ने शुरू किया आकलन

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ख़बर रफ़्तार, बरेली :  राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने महंगाई की गणना करके टोल टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर ली है। एक अप्रैल से टोल टैक्स की दरों में पांच से दस फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है। इसके लिए आकलन शुरू हो गया है। दिल्ली, लखनऊ, टनकनुर व नैनीताल मार्ग पर 50 हजार से अधिक वाहनों को आने वाले दिनों में ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा।

बरेली से दिल्ली, लखनऊ और टनकपुर की ओर एनएचएआई के टोल प्लाजा हैं। यहां से 24 घंटे में 40 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। एनएचएआई के परियोजना निदेशक बीपी पाठक ने बताया कि टोल बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष मार्च में आकलन होता है। महंगाई इसका आधार है। जितने प्रतिशत महंगाई बढ़ती है, उतने ही प्रतिशत टैक्स बढ़ता है। अमूमन पांच से दस फीसदी तक बढ़ोतरी होती है।

बरेली-नैनीताल मार्ग पर उत्तर प्रदेश स्टेट हाईवे अथारिटी के पुल का संचालन देख रही कंपनी के प्रबंधक विवेक गुप्ता ने बताया कि यहां से 24 घंटे में करीब दस हजार वाहन गुजरते हैं। अथारिटी महंगाई के हिसाब से टोल टैक्स तय कर रही है। 31 मार्च से पहले दरें तय हो जाएंगी।

टोल प्लाजा पर लग रहे जाम के मुद्दे पर हंगामा

बरेली जिला उद्योग बंधु की विकास भवन में हुई बैठक में शुक्रवार को टोल प्लाजा पर लग रहे जाम के मुद्दे पर हंगामा हुआ। सीडीओ जगप्रवेश की मौजूदगी में उद्यमियों ने कहा कि नैनीताल रोड पर पीएनसी के टोल प्लाजा के पास पांच लेन हैं। सुबह और शाम के समय वाहन बहुत बढ़ जाते हैं।

इसके बावजूद टोल प्लाजा पर सिर्फ दो या तीन लेन से ही वाहन गुजारे जाते हैं। इससे यहां रोज जाम लग रहा है। उद्यमियों ने कहा कि टोल पर अप्रशिक्षित कर्मियों के चलते समस्या और बढ़ती जा रही है। कारें जिस लेन से निकलती हैं, वहां से ट्रक निकालते हैं। इससे दिक्कत हो रही है।

उद्यमियों ने ये भी मांग उठाई 

उद्यमियों ने 20 किमी. के दायरे में आने वाली गाड़ियों के लिए पास उपलब्ध कराने व पास की वैद्यता एक माह करने संबंधी पुरानी मांग का मुद्दा भी उठाया। कहा कि, इस मांग पर पीएनसी सिर्फ व्यक्तिगत पास जारी कर रही है। फर्म के नाम से कोई पास लेना हो तो मना कर दिया जाता है, जबकि जरूरत हर समय फर्म की गाड़ियों के लिए रहती है। इस पर सीडीओ ने पीएनसी के जीएम को निर्देश दिए कि एसओपी की हस्ताक्षरित कॉपी लेकर आएं और बताएं उसमें क्या नियम शर्तें हैं, ताकि उद्यमियों की समस्याओं का निस्तारण कराया जा सके।

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