ख़बर रफ़्तार, देहरादून: कारगिल युद्ध को 26 बरस हो चुके हैं. ये युद्द शहीद जवानों के अदम्य साहस और उनके बलिदान का प्रतीक है. कारगिल को देश हमेशा याद रखेगा. कारगिल युद्द के बाद भारत की सेना का लोहा पूरी दुनिया मानती है. भारतीय सेनाओं का दम कई बार दुनिया की अन्य सेनाओं ने देखा है.
इंडियन आर्मी के वीरता और बलिदान के लिए 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिये थे. आज से लगभग 26 साल पहले 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान लद्दाख में भारतीय लड़ाकों ने पाकिस्तान को पटखनी दी थी. कारगिल में उत्तराखंड के 75 रणबांकुरों ने प्राणों की आहुति दी थी.
कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे देश के 524 सैनिक
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन किया. सीएम धामी ने देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा उत्तराखण्ड में भी देश के लिये बलिदान देने की परम्परा रही है. कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है. हमें अपने जवानों की वीरता पर गर्व है. भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य का लोहा पूरी दुनिया मानती है. कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा.
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