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Sunday, September 8, 2024
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पराक्रम के 25 साल पूरे, कारगिल में शहीद हुये थे उत्तराखंड के 75 जवान,बलिदानियों को देश कर रहा नमन

ख़बर रफ़्तार, देहरादून: कारगिल युद्ध को 26 बरस हो चुके हैं. ये युद्द शहीद जवानों के अदम्य साहस और उनके बलिदान का प्रतीक है. कारगिल को देश हमेशा याद रखेगा. कारगिल युद्द के बाद भारत की सेना का लोहा पूरी दुनिया मानती है. भारतीय सेनाओं का दम कई बार दुनिया की अन्य सेनाओं ने देखा है.

इंडियन आर्मी के वीरता और बलिदान के लिए 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिये थे. आज से लगभग 26 साल पहले 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान लद्दाख में भारतीय लड़ाकों ने पाकिस्तान को पटखनी दी थी. कारगिल में उत्तराखंड के 75 रणबांकुरों ने प्राणों की आहुति दी थी.

कारगिल युद्ध में कुमाऊं रेजीमेंट के 12 जवान, 3 इंजीनियिरंग, 2 महार रेजीमेंट, 1 गार्ड रेजीमेंट, 1 पैरा रेजिमेंट, 9 गोरखा राइफल्स ,3 आरआर, 1 राजपूताना राइफल्स, 1 एयरफोर्स, 1 रेजिमेंट लद्दाख स्काउट, 1 गढ़वाल राइफल 19 शहीद हुए. शहीद होने वाले जवानों में पौड़ी जिले से 3, पिथौरागढ़ से 4 रुद्रप्रयाग 3, टिहरी 11, ऊधमसिंह नगर 2, उत्तरकाशी 1, देहरादून 14, अल्मोड़ा 3, बागेश्वर 3, चमोली 7, लैंसडौन 10, नैनीताल के 5 जवान शहीद हुए थे. गढ़वाल राइफल्स के 47 जवान शहीद हुए थे. जिनमें 41 जांबाज उत्तराखंड के ही थे. कुमाऊं रेजीमेंट के भी 16 जांबाज ने अपने प्राण न्यौछावर किये. उत्तराखंड के जवानों को 15 सेना मेडल, 2 महावीर चक्र, 9 वीर चक्र, 11 मेंशन इन डिस्पैच मिले.

कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे देश के 524 सैनिक

साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने अपने 524 सैनिकों को खो दिया था. इस भीषण युद्ध में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपना पराक्रम दिखाने वाले 1363 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे. भारतीय सैनिकों ने इससे बड़ी चोट पाकिस्तान को दी थी. इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के चार हजार से ज्यादा जवान मारे गए थे.
सीएम धामी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन किया. सीएम धामी ने देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा उत्तराखण्ड में भी देश के लिये बलिदान देने की परम्परा रही है. कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है. हमें अपने जवानों की वीरता पर गर्व है. भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य का लोहा पूरी दुनिया मानती है. कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा.

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