नामीबिया से भारत में भेजे जाएंगे और भी चीते, चीता संरक्षण कोष की कार्यकारी ने की पुष्टि

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खबर रफ़्तार,नई दिल्ली :17 सितंबर 2022 की तारीख भारत के इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है। इस दिन भारत में 70 साल के बाद आठ चीतों का आगमन हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा। वहीं, चीता संरक्षण कोष की कार्यकारी निदेशक लॉरी मार्कर ने आठ चीतों के भारत आगमन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नामीबिया से 8 चीतों के कल आने के बाद भारत-दक्षिण अफ्रीका के साथ और अधिक काम कर रहा है और नामीबिया आने वाले वर्षों में और अधिक चीता भेजने जा रहा है।

भारत में भेजे जाएंगे चीते- लॉरी मार्कर

चीता संरक्षण कोष की कार्यकारी निदेशक लॉरी मार्कर ने कहा कि यह चीतों की एकमात्र आबादी है जो वास्तव में इतनी बड़ी है कि पुन: प्रजनन के लिए उपयोग की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चीतों की आबादी स्थापित करने के लिए हमें और अधिक इसे लाना होगा। भारत-दक्षिण अफ्रीका के साथ और अधिक काम कर रहा है और नामीबिया भी आने वाले वर्षों में और अधिक चीते भारत में भेजने जा रहा है।

भारत में रहने के लिए अनुकूलनीय हैं चीते- लॉरी

लॉरी ने एएनआई को बताया कि ये प्रजातियां भारत में रहने के लिए अनुकूलनीय हैं और भारत में उनकी उपस्थिति का इतिहास भी रहा है। 2009 में सरकार और वानिकी विभाग के विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा इन चीतों को लाने के लिए एक योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने क्षेत्र में कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी। अगर ठीक से संचालित किया जाए तो यह काम करेगा। चीता पूरी तरह से यहां के लिए अनुकूलनीय हैं।

पीएम मोदी ने चीतों को नेशनल पार्क में छोड़ा

लॉरी ने कहा कि सरकार पार्क के आसपास के समुदायों के साथ काम कर रही है और बड़ी बिल्लियों को भारत में खुद को स्थापित करने में पांच से दस साल लग सकते हैं और अनिश्चित मौसम एक प्रमुख कारण बना रहेगा। बता दें कि प्रधानमंत्री ने कल कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को छोड़ा था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर चीता मित्र, चीता पुनर्वास प्रबंधन समूह और छात्रों के साथ भी बातचीत की थी।

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