ख़बर रफ़्तार, देहरादून: पूर्व मुख्यमंन्त्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र रावत द्वारा अपनी सुरक्षा को लेकर लिखे गए पत्र के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का फेसबुक पोस्ट चर्चा में है. सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा, “दिल्ली एयरपोर्ट पर उन्हें राज्य के प्रोटोकॉल अधिकारी की सहायता नहीं मिली, जिसके कारण उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ा. दिल्ली एयरपोर्ट पर राज्य के प्रोटोकॉल अधिकारी अन्य राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की सहायता करते हैं, लेकिन 23 जुलाई को जब वे दिल्ली से देहरादून जा रहे थे, तो उन्हें इस प्रकार की सहायता नहीं मिली.”
रावत ने बताया कि कुछ लोगों के साथ अंतिम समय में बातचीत के कारण उन्हें एयरपोर्ट पहुंचने में देरी हो गई. इस स्थिति में उन्हें प्रोटोकॉल अधिकारी की सहायता की आवश्यकता थी, लेकिन जब उन्होंने प्रोटोकॉल अधिकारी से संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि उनके पास इस संबंध में कोई आदेश नहीं है. ऐसी स्थिति में रावत ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मदद ली, जिसके कारण वे अपनी फ्लाइट पकड़ सके.
रावत ने उठाया प्रोटोकॉल का मुद्दा
हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि जब वे, ‘मुझे सुरक्षा एस्कॉर्ट नहीं मिलता है. ट्रैफिक जाम में फंस जाता हूं तो एस्कॉर्ट सुविधा की याद आती है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के सभी नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों को विशेष एस्कॉर्ट सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जबकि उन्हें आवश्यकता पड़ने पर भी यह सुविधा नहीं मिल रही है.
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