ख़बर रफ़्तार, चमोली: चमोली जिले के गैरसैंण क्षेत्र के दूधाताेली पर्वत से निकलकर कन्नौज में गंगा नदी के साथ मिलने वाली रामगंगा की उत्पत्ति भगवान श्रीराम के तीर से हुई है। रामगंगा मुरादाबाद होते हुए करीब 500 किलोमीटर के सफर में गंगा में मिलने से पहले लाखों लोगों की प्यास भी बुझाती है।
मेहलचौरी के सामाजिक कार्यकर्ता और गैरसैंण के एमएन जुयाल का कहना है कि रामगंगा का भगवान श्रीराम और सीता माता से करीब का नाता माना जाता है। मान्यता है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान जब भगवान श्रीराम, सीता माता और लक्ष्मण वन में घूम रहे थे तो सीता को प्यास लगी। लक्ष्मण और श्रीराम ने इस क्षेत्र में पानी की काफी तलाश की, लेकिन उनको कहीं भी पानी का स्रोत नहीं मिला।
![Ayodhya Ram Mandir: जब श्रीराम के तीर से उत्पन्न हुई यहां रामगंगा...मां सीता को लगी थी प्यास, जानें ये किस्सा Ayodhya Ram Temple: Ramganga created by the arrow of Shri Ram is quenching thirst thousands of people chamoli](http://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/01/22/ram-mandir_1705901124.jpeg?w=414&dpr=1.0)
रामनाली के नाम से जाना जाने लगा
![Ayodhya Ram Mandir: जब श्रीराम के तीर से उत्पन्न हुई यहां रामगंगा...मां सीता को लगी थी प्यास, जानें ये किस्सा Ayodhya Ram Temple: Ramganga created by the arrow of Shri Ram is quenching thirst thousands of people chamoli](http://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/01/22/ramganga_1705901907.jpeg?w=414&dpr=1.0)
लोगों की आस्था