रात में वीडियो कॉल और छुपकर ताकझांक, IAS अधिकारी पर शर्मनाक आरोप

खबर रफ़्तार, लखनऊ: राज्य कर विभाग में पिछले दिनों महिला उत्पीड़न के मामले में सात अधिकारियों के निलंबन का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि इसी तरह की एक और शिकायत ने खलबली मचा दी है। इस बार ये आरोप राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त व आईएएस अधिकारी पर विभाग की महिला अधिकारियों ने लगाए हैं।

नोएडा में अपर आयुक्त के पद पर तैनात एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ महिला अधिकारियों ने शोषण, उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ महिला अधिकारियों के उत्पीड़न की शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है। साथ ही ये भी पुष्ट किया है कि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।

राज्य कर विभाग में पिछले दिनों महिला उत्पीड़न के मामले में सात अधिकारियों के निलंबन का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि इसी तरह की एक और शिकायत ने खलबली मचा दी है। इस बार ये आरोप राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त व आईएएस अधिकारी पर विभाग की महिला अधिकारियों ने लगाए हैं।

मुख्यमंत्री को भेजे इस पत्र में शिकायत की गई है कि चार महीने से महिला अधिकारियों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। ये भी आरोप लगाए गए हैं कि आईएएस अधिकारी अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए कहते हैं कि मेरी बात नहीं मानोगे तो तुम्हारी नौकरी खा जाउंगा और हाथ में कटोरा देकर नौकरी से निकलवा दूंगा।
पत्र में आईएएस अधिकारी पर यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आने वाले गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की गई है कि वे महिला अधिकारियों को अपने कार्यालय में बुलाकर घंटों खड़ा कर घूरते हैं। रात-रात भर महिला अधिकारियों को फोन और वीडियो कॉल करते हैं। महिला अफसरों को छुप-छुप कर देखते हैं और उनका वीडियो बनाते हैं। जो अधिकारी उनकी इस हरकत का विरोध करती है तो उसे किसी मामले में फंसाकर निलंबित करा देते हैं या सूचना लीक करने या कार्यवाही में लापरवाही का आरोप लगाकर फंसा देते हैं। फिर महिला अफसरों पर अनावश्यक दबाव बनाते हैं।
पत्र में महिला अफसरों ने गुहार लगाई है कि दुखी मन से इस पत्र को लिखने के लिए मजबूर होना पड़ा है क्योंकि एक तरफ सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाकर महिला सशक्तिकरण का अभियान चला रही है तो दूसरी तरफ एक आईएएस अधिकारी महिलाओं की अस्मिता को कुचल रहे हैं।
5 अगस्त को शासन को प्राप्त लोक शिकायत में मांग की गई है कि इस मामले की गोपनीय जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी या राज्य महिला आयोग से कराई जाए तो शोषण, उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की सारी परतें खुद-ब-खुद खुल जाएंगी। लोक शिकायत के रूप में प्राप्त इस पत्र की पुष्टि उच्च पदस्थ सूत्रों ने की है, जिस पर जांच कर कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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