Uttarakhand: भू-उपयोग परिवर्तन के लिए समयसीमा तय, डिजिटल माध्यम से आवेदन संभव

ख़बर रफ़्तार, देहरादून: प्रदेश में आवास विभाग ने भू-उपयोग परिवर्तन के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें जमीनों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।

उत्तराखंड में जमीनों का भू-उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) अब आसान, पारदर्शी और समयबद्ध होगा। इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल पर सुविधा उपलब्ध करा दी है। 18 चरणों में यह प्रक्रिया पूरी होगी। जमीनों के भू-उपयोग के लिए कई-कई साल का इंतजार खत्म होगा।

आवास विभाग ने भू-उपयोग परिवर्तन के लिए जो ताजा गाइडलाइंस जारी की है, उसमें जमीनों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। तीनों श्रेणियों के लिए नियमों में थोड़ा अंतर है लेकिन सभी के लिए 18-20 चरणों की प्रक्रिया निर्धारित समयावधि में पूरी करनी होगी। 4000-10,000 वर्ग मीटर का भू-उपयोग परिवर्तन प्राधिकरण स्तर, 10,000-50,000 वर्ग मीटर का उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण और 50,000 वर्ग मीटर से ऊपर के लिए प्राधिकरण व शासन समिति की प्रक्रिया भी शामिल होगी।

सभी चरणों को मिलाकर यह प्रक्रिया लगभग छह से 12 माह में पूरी की जा सकेगी। आवास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ऑनलाइन पोर्टल से पारदर्शिता बढ़ेगी, फाइलें लंबित नहीं रहेंगी और आम नागरिकों को अब भू-उपयोग परिवर्तन के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

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