उत्तराखंड: नैनीताल के बाद पौड़ी में भी विकराल हुई जंगलों की आग, हाईवे पर थामी वाहनों की रफ्तार

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ख़बर रफ़्तार, लैंसडौन : जनपद पौड़ी में जंगलों में लगी आग दिन-प्रतिदिन विकराल होती जा रही है। शुक्रवार को गुमखाल कस्बे के समीप जंगलों में लगी आग इस कदर भयावह हो गई कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया।

इस दौरान राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से अपने घरों की ओर लौट रहे छात्र-छात्राएं भी रास्ता पार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। करीब एक घंटे तक राजमार्ग पर आवाजाही पूरी तरह बंद रही।

क्षेत्र में पिछले कई दिनों से जंगल धधक रहे हैं। शुक्रवार को गूम गांव के जंगलों में लगी आग गुमखाल कस्बे से मात्र सौ मीटर पहले सड़क तक पहुंच गई। नतीजा, चारों ओर धुएं का भयंकर गुबार छा गया। गहरे धुएं व आग की तेज लपटों के चलते वाहनों चालकों ने अपनी गाड़ियों पर ब्रेक लगाने में ही बेहतरी समझी।

वन महकमे का एक भी कर्मी मौके पर नजर नहीं आया

करीब दो सौ मीटर हिस्से में सड़क पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। डा.भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से अपने घरों की ओर लौट रहे छात्र-छात्राएं भी धुएं के इस गुबार को पार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। हैरानी की बात तो यह है कि इस भीषण आग पर काबू पाने के लिए वन महकमे का एक भी कर्मी मौके पर नजर नहीं आ रहा था। वाहन चालकों के साथ ही आमजन भी स्वयं आग के खतरे को देख धुंआ छंटने का इंतजार करता नजर आया।

वन विभाग पर खासा नाराजगी

क्षेत्रीय ग्रामीणों ने वन विभाग के इस रवैए को लेकर खासा नाराजगी भी जताई है। दूसरी ओर, भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन की प्रभागीय वनाधिकारी स्पर्श काला ने बताया कि शुक्रवार को मटियाली रेंज के अंतर्गत उमरैला, चरेख, कोलीगांव, मटगांव, कोटलमंडा के साथ ही जयहरीखाल रेंज की गूम, मैंदोली, लमराड़ा व किमार आदि क्षेत्रों में आग लगने की सूचना लगने पर वन कर्मी भेजे गए थे।

गुमखाल के निकट लगी इस आग को काबू करने में विभागीय कर्मियों को भी दूरी अधिक होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम तक सभी क्षेत्रों में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। लेकिन, तेज हवा के कारण फिर से आग न लग जाए, इसलिए वनकर्मी मौके पर ही मौजूद हैं।

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