
ख़बर रफ़्तार, मुरादाबाद: जांच में सामने आया कि छात्रा को उसके पिता 16 जुलाई को अपने घर ले गए थे लेकिन 21 अगस्त को उसकी मां उसे छोड़ने मदरसे में पहुंची थी। इससे पहले ही किसी महिला ने मदरसे में कॉल की और बताया कि वह छात्रा की मौसी है। चंडीगढ़ में छात्रा अपने पिता के साथ अकेली रहती है। उसकी मां अपने मायके प्रयागराज में है। उसे शक है कि चंडीगढ़ में छात्रा के साथ कुछ गलत हो रहा है।

यूपी के मुरादाबाद स्थित पाकबड़ा थानाक्षेत्र के लोधीपुर राजपूत स्थित मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात में 13 वर्षीय छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट (कौमार्य प्रमाणपत्र) की मांग करने वाले आरोपी एडमिशन सेल के प्रभारी मो. शाहजहां को पुलिस ने शनिवार की दोपहर कोर्ट में पेश किया जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया है। इस मामले में आरोपी प्रधानाचार्य रहनुमा और अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी है। चंडीगढ़ के मनी माजरा क्षेत्र में रहने वाले टेलर ने शुक्रवार को पाकबड़ा थाने में मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात की प्रधानाचार्य रहनुमा, एडमिशन सेल के प्रभारी मो. शाहजहां और अन्य स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
उसने बताया कि उसने वर्ष 2024 को अपनी बेटी का मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात में कक्षा सात में कराया था। बेटी ने सातवीं कक्षा पास कर ली और इस बार आठवीं कक्षा में दाखिला होना था। 16 जुलाई को टेलर बेटी को चंडीगढ़ ले गया था। टेलर की पत्नी 21 अगस्त को बेटी को लेकर पाकबड़ा के मदरसे पहुंची थी और आठवीं कक्षा में दाखिला करने के लिए प्रधानाचार्य रहनुमा और एडमिशन सेल प्रभारी मो. शाहजहां से मिलीं। आरोप है कि दोनों ने पहले 35 हजार रुपये जमा करा लिए। इसके बाद वर्जिनिटी सर्टिफिकेट की मांग की गई थी।
मेडिकल रिपोर्ट न देने पर उनके साथ मदरसा स्टाफ ने अभद्रता की और धक्के देकर उन्हें निकाल दिया। शुक्रवार को पुलिस ने एडमिशन सेल के प्रभारी एवं बिहार के पूर्णिया जिले के रानी पत्रा थाना क्षेत्र के पुरखरिया निवासी मो. शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया था। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि आरोपी शाहजहां शनिवार दोपहर कोर्ट में पेश किया जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया है। जांच में कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। जिनके नाम केस में शामिल किए जाएंगे। उनकी तलाश में पुलिस टीमें लगी हैं।
दो घंटे जांच स्टाफ से लंबी पूछताछ
मदरसे में दाखिला देने से पहले कौमार्य प्रमाणपत्र (मेडिकल रिपोर्ट) मांगे जाने से हड़कंप मचा तो पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने मदरसे में करीब दो घंटे तक जांच की। स्टाफ और छात्राओं से लंबी पूछताछ की। मदरसा प्रबंधन ने दलील दी, छात्रा की मौसी ने कॉल कर बताया था कि छात्रा करीब एक माह तक अपने पिता के साथ अकेली रही। उसकी मां मायके गई थी। छात्रा के साथ कुछ गलत हुआ है। इस कॉल के बाद मदरसा प्रशासन ने रिपोर्ट की मांग की।

पुलिस ने दर्ज किए स्टाफ के बयान
मामला सामने आने के बाद एसएसपी सतपाल अंतिल ने सीओ हाईवे राजेश कुमार और पाकबड़ा थाना प्रभारी योगेश कुमार को जांच करने के निर्देश दिए। दोनों अधिकारी पुलिस टीम के साथ सुबह करीब 11 बजे मदरसा पहुंचे। टीम में महिला दरोगा और सिपाही भी शामिल किए गए। टीम ने मदरसे के रिकॉर्ड चेक किए। इसके अलावा एडमिशन इंचार्ज और अन्य स्टाफ के अलावा छात्राओं के भी बयान दर्ज किए गए।

मौसी ने किया था मदरसे में कॉल
जांच में सामने आया कि छात्रा को उसके पिता 16 जुलाई को अपने घर ले गए थे लेकिन 21 अगस्त को उसकी मां उसे छोड़ने मदरसे में पहुंची थी। इससे पहले ही किसी महिला ने मदरसे में कॉल की और बताया कि वह छात्रा की मौसी है। चंडीगढ़ में छात्रा अपने पिता के साथ अकेली रहती है। उसकी मां अपने मायके प्रयागराज में है। उसे शक है कि चंडीगढ़ में छात्रा के साथ कुछ गलत हो रहा है। इस कॉल की वजह से मदरसा प्रशासन अलर्ट हो गया था। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे टीम वापस चली गई।
कॉल करने वाली महिला की होगी जांच
एसपी सिटी कुमार रण विजय सिंह ने बताया कि मदरसा प्रशासन की ओर से दावा किया गया कि किसी महिला ने कॉल कर उन्हें जानकारी दी थी कि छात्रा के साथ कुछ गलत हुआ है। हालांकि छात्रा और उसके पिता को कोई शिकायत नहीं थी। इसके बावजूद दाखिला करने पर मेडिकल रिपोर्ट मांगना गलत है। जिस महिला द्वारा कॉल किए जाने की बात की गई है। उसकी जांच की जाएगी कि कोई कॉल आई थी या नहीं।
अलग-अलग बयान दे रहे सचिव व उस्ताद
सोशल मीडिया पर मदरसे के सचिव अरबाब शम्सी का बयान वायरल हो रहा है। वह बता रहे हैं कि पति-पत्नी के बीच विवाद है। उनके मदरसे को बेवजह पार्टी बनाया जा रहा है। यह गलत है। मदरसे के उस्ताद मो. सलमान कहा कि मदरसे में 400 से ज्यादा छात्राएं हैं, किसी ने कभी कोई शिकायत नहीं की। हमारा गुनाह बस इतना है कि फीस मांग ली गई थी। यहां सवाल यह उठता है कि उस्ताद सच बोल रहे हैं सचिव। अगर मदरसे के पास किसी तरह की सूचना आई थी तो उन्होंने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी।

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