
ख़बर रफ़्तार, खटीमा: सीमांत क्षेत्र में मौसम बदलने के साथ ही मम्स (गलसुआ) के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। रोजाना 8 से 10 मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों ने मरीजों का इलाज कर आराम करने की सलाह दी है।
इनदिनों क्षेत्र में पूरे दिन तेज धूप और सुबह-शाम ठंड पड़ रही है। इस मौसम में जरा सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ रही है। नतीजतन उप जिला चिकित्सालय में वायरल व अन्य परेशानी से जूझ रहे मरीज इलाज कराने आ रहे हैं।
सर्दियों में होती है मम्स गले में सूजन की समस्या
डॉ. अब्बास ने बताया कि मम्स में गले में सूजन आ जाती है, जिस कारण मरीज को भोजन करने, पानी पीने आदि में दिक्कत होती है। अक्सर सर्दियों के मौसम में यह बीमारी देखने को मिलती है। अधिकतर बच्चों में यह बीमारी देखने को मिलती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक मनुष्य को जीवन में एक बार यह बीमारी जरूर होती है। इस बीमारी से घबराने की कतई जरूरत नहीं है।
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मरीज को गले में सूजन होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाना चाहिए। साथ ही दवा लेकर आराम करना चाहिए। अमूमन तीन से चार दिनों में यह बीमारी ठीक हो जाती है। डॉ. अब्बास ने बदलते मौसम में सावधानी बरतने, रात में बेहद जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने व किसी प्रकार की परेशानी होने पर तत्काल अस्पताल आने की सलाह दी है।
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