किच्छा में ध्वस्तीकरण करने पहुंची जिला विकास प्राधिकरण की टीम का हुआ विरोध

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  • लोगों ने कहा – अतिक्रमण के नाम पर प्राधिकरण कर रहा उत्पीड़न

  • एसडीएम मौके पर पहुंचे विरोध के बाद बैरंग लौटी टीम

ख़बर रफ़्तार, किच्छा:  किच्छा में चिह्नित की गई 11 अवैध कॉलोनियो में ध्वस्तीकरण करने गई जिला विकास प्राधिकरण की टीम का खुला विरोध हो गया। लोगों ने टीम के अधिकारियों को घेर लिया और जमकर खरी खोटी सुनाईं। उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि अगर उत्पीड़न किया गया तो न सिर्फ भूख हड़ताल करेंगे बल्कि डीजल डालकर खुद को आग भी लगा लेंगे। एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा ने लोगों को भरोसा दिलाया कि बेवजह लोगों को परेशान नहीं किया जाएगा।

उनके विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से बात करने के बाद टीम वापस लौट गई।जिला विकास प्राधिकरण बिना नक्शा के काटी गई किच्छा की 11 अवैध कॉलोनियो को चिन्हित किया है। कल प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हरीश कांडपाल खुद एसडीएम के साथ मौके पर पहुंचे थे और लोगों को चेतावनी दी थी।

बसंत गार्डन में उन मकानों में निर्माण होता पाया गया, जिनको नोटिस दिए गए थे और सील लगी हुई थी। ऐसे लोगों को चेताया भी गया था। इस मामले में आज प्रकाश प्राधिकरण की टीम जेसीबी मशीन और बुलडोजर लेकर ध्वस्तीकरण के लिए पहुंची तो बवाल हो गया। लोगों ने टीम को घेर लिया और जेसीबी के आगे जमा हो गए। टीम को जमकर खरी खोटी सुनाई गई।

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विरोध करने वालों में भाजपा के मंडल अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना, विवेक राय, कमलेंद्र सेमवाल व अन्य पदाधिकारी भी शामिल थे। सूचना पर एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए और लोगों से बात की। लोगों का कहना था कि सौ गज से नीचे के मकानो के ध्वस्तीकरण का अधिकार प्राधिकरण को नहीं है, इसके साथ ही बिना नोटिस के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बिल्कुल गलत है।

भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि विकास प्राधिकरण की टीम में शामिल कुछ अधिकारी कांग्रेस मानसिकता के हैं। भाजपा सरकार में वह लोगों का उत्पीड़न बिल्कुल नहीं होने देंगे। भाजपा मंडल अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना ने तो यहां तक कह दिया कि गोली मार दो या जेल भेज दो पर वह ध्वस्तीकरण नहीं होने देंगे। विरोध के चलते टीम वापस लौट गई।

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