ख़बर रफ़्तार, देहरादून: CBI कार्रवाई के चलते उद्यान निदेशालय में गुरुवार दिनभर हड़कंप मचा रहा. पूर्व उद्यान निदेशक एचएस बवेजा और कई उद्यान अधिकारियों समेत 26 व्यक्तियों से सीबीआई द्वारा गहन पूछताछ की गई. हालांकि इस मामले पर मंत्री और विभागीय निदेशक ने किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है.
उद्यान घोटाले में सीबीआई छापों से हड़कंप
उत्तराखंड के बहुचर्चित उद्यान घोटाले में सीबीआई ने उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान पूर्व उद्यान निदेशक एचएस बवेजा और कई उद्यान अधिकारियों समेत 26 व्यक्तियों से लंबी पूछताछ की गई. इनमें मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल राजेंद्र कुमार, कुछ अन्य अधिकारियों समेत जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की नर्सरी से जुड़े कारोबारी और कर्मचारी भी शामिल हैं. प्रकरण में देहरादून की तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी मीनाक्षी जोशी का भी नाम आया है. सीबीआई ने अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज जुटाए हैं.
मंत्री ने कहा ईमानदारी से लड़ रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग
इस पूरे मामले पर मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ धामी सरकार पूरी ईमानदारी से जंग लड़ रही है. जिस तरह से परीक्षाओं में नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई, उस तरह से उद्यान घोटाले में भी किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं इस पूरे मामले पर विभागीय निदेशक दीप्ति सिंह का कहना है कि सारे दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए गए हैं. सीबीआई की कार्रवाई को लेकर उनके पास किसी भी तरह की कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं है.
क्या है उद्यान घोटाला?
उत्तराखंड का उद्यान घोटाला मुख्य रूप से 15 लाख पौधों की खरीद से जुड़ा है. आरोप है कि पौध खरीद के नाम पर करीब 70 करोड़ रुपए के खर्च किए गए. करोड़ों रुपए के भुगतान में सीधे तौर पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है. इस घोटाले में शासन की जांच के साथ ही हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में घोटाले से संबंधित तमाम आरोपों को पुष्ट किया जा चुका है. हाईकोर्ट ने ही इस घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.
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