दक्षिण प्रांत में आंतरिक सुरक्षा बलों की तैनाती, इस्राइली हमलों और अमेरिका की मध्यस्थता के बीच सीरियाई सरकार ने संघर्षविराम की घोषणा की

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खबर रफ़्तार, दमिश्क : सीरिया ने दक्षिण प्रांत सुवैदा में आंतरिक सुरक्षा बलों की तैनाती शुरू की है, जहां ड्रूज और बेदोइन गुटों के बीच संघर्ष में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इस्राइली हमलों और अमेरिका की मध्यस्थता के बीच सीरियाई सरकार ने संघर्षविराम की घोषणा की, लेकिन इसकी स्थिरता पर संदेह बना हुआ है। हालात तनावपूर्ण हैं, नागरिकों का पलायन जारी है और शहर में बिजली-पानी जैसी जरूरी सेवाएं ठप पड़ी हैं।

सीरिया के आंतरिक सुरक्षा बलों की दक्षिणी प्रांत सुवैदा में तैनाती शुरू कर दी गई गई है। इस इलाके में पिछले कुछ दिनों से ड्रूज और बेदोइन हथियारबंद गुटों और सरकार की सेना के बीच भीषण संघर्ष चल रहा था, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। इस संघर्ष में इस्राइल के दखल ने हालत को और जटिल बना दिया है। सीरियाई गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी।

सीरियाई सरकार ने शनिवार को संघर्षविराम की घोषणा की। यह घोषणा ऐसे समय में की गई, जब कुछ घंटे पहले अमेरिका की ओर से बयान आया कि इस्राइल और सीरिया संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। हालांकि, यह संघर्षविराम कब तक टिकेगा, इस पर अनिश्चितता बनी हुई है। सीरिया सरकार ने कहा कि संघर्षविराम का मकसद सीरियाई लोगों का खून बहाना रोकना, देश की एकता को बनाए रखना और नागरिकों की सुरक्षा करना है।
इस्राइल की कार्रवाई ने भड़काया तनाव: अहमद अल-शरा
राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में बताया कि उनसे दुनियाभर से आग्रह किया जा रहा है कि सुवैदा की स्थिति को नियंत्रित किया जाए और देश में शांति बहाल की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस्राइल की कार्रवाई ने शहर में तनाव को फिर से भड़का दिया है और यह एक ‘खतरनाक मोड़’ है। उन्होंने अमेरिका को समर्थन देने के लिए धन्यवाद भी दिया।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नूरुद्दीन अल-बाबा ने टेलीग्राम पर बताया कि आंतरिक सुरक्षा बल सुवैदा प्रांत में तैनात किए जा रहे हैं, ताकि नागरिकों की सुरक्षा की जा सके और अराजकता को खत्म किया जा सके। जानकारी के मुताबिक, ड्रूज और बेदोइन समूहों के बीच सांप्रदायिक तनाव के चलते हाल के दिनों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं।

‘सरकार की प्राथमिकता राष्ट्रीय एकता, अशांति फैलाने चाहते कुछ तत्व’
इस्राइल ने बुधवार को दमिश्क में सीरिया के रक्षा मंत्रालय पर हवाई हमले किए और सुवैदा क्षेत्र में सीरियाई सरकारी बलों को भी निशाना बनाया। इस्राइल ने इसके पीछे कारण बताया कि वह ड्रूज समुदाय की रक्षा करना चाहता है और वह उन्हें अपना भाई मानता है। सीरियाई राष्ट्रपति अल-शरा ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता राष्ट्रीय एकता है और सरकार का काम सभी पक्षों के बीच एक निष्पक्ष मध्यस्थ की भूमिका निभाना है। उन्होंने कहा कि सुवैदा की सम्मानित आम जनता है और केवल कुछ ही तत्व हैं जो शहर में अशांति फैलाना चाहते हैं।

संघर्षविराम को लेकर ड्रूज गुट के लड़ाकों की बंटी राय
अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी यह साफ नहीं है कि सीरियाई सुरक्षाबल शनिवार सुबह तक सुवैदा शहर पहुंचे भी हैं या अभी शहर के बाहरी इलाकों में ही हैं। बेदोइन गुट सरकार की ओर से संघर्षविराम पर और जानकारी का इंतजार कर रहा है, जब ड्रूज गुट के लड़ाकों में राय बंटी हुई है। कुछ इसे सकारात्मक मान रहे हैं और कुछ युद्ध को जारी रखने की बात कह रहे हैं। रातभर संघर्ष चलता रहा, लेकिन शहर के कई लोग सुरक्षाबलों की तैनाती को राहत के तौर पर देख रहे हैं।

सीरियाई बलों को सुवैदा में 48 घंटों के लिए दिया सीमित प्रवेश: इस्राइली अधिकारी
एक इस्राइली अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम सीरिया में जारी अस्थिरता के कारण इस्राइल ने सीरियाई सुरक्षा बलों को 48 घंटों के लिए सुवैदा में सीमित रूप से घुसने की अनुमति दी है। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, ड्रूज बहुल शहर में मरने वालों की संख्या 260 से ज्यादा हो गई है। अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन का कहना है कि करीब 80 हजार लोग इस क्षेत्र से पलायन कर चुके हैं। कई लोगों की हत्या की गई है और कई पलायन करने को मजबूर हुए हैं। जो भी लोग वहां रह गए हैं, उनके पास बिजली और पानी की बुनियादी सुविधा नहीं, क्योंकि सेवाएं पूरी तरह से ठप हो चुकी हैं।

इस्राइली सेना ने शुक्रवार रात सीरिया की सीमा से सटे गोलान हाइट्स के माजदल शम्स इलाके में दर्जनों इस्राइली नागरिकता रखने वाले ड्रूज प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया। इस्राइल का कहना है कि कुछ प्रदर्शनकारी सुरक्षा बाड़ को पार कर सीरियाई क्षेत्र में घुस गए थे और अब उन्हें वापस लाने की कोशिश की जा रही है।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीरियाई सरकार ने इस्राइल की प्रतिक्रिया को गलत समझा। उसे लगा कि अमेरिका और इस्राइल दोनों की मौन स्वीकृति है कि सरकार अपने सैनिकों को देश के दक्षिणी हिस्से में भेज सकती है। यह धारणा अमेरिका के विशेष दूत थॉमस बैरक के बयानों और इस्राइल के साथ सुरक्षा वार्ताओं पर आधारित थी। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि इस्राइल के हमलों का ड्रूज समुदाय की सुरक्षा से ज्यादा लेना-देना नहीं है। यह इस्राइल की रणनीति का एक हिस्सा है।

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