ख़बर रफ़्तार, देहरादून. गर्मियों के दिनों में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लोग दूर-दूर से घूमने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन वहीं स्मार्ट सिटी के अधूरे पड़े काम और सड़कों पर खुले हुए गड्ढे आम जनता के लिए तो परेशानी का सबब बन ही रहे हैं. इसी के साथ ही पर्यटक भी इन गड्ढों के चलते परेशान हैं. यहां अधूरे पड़े काम के चलते सड़कों पर जाम का झाम लगा हुआ है. सड़कों के ये गड्ढे हादसे को भी दावत दे रहे हैं.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले सुनील बांगा का कहना है कि टूरिस्ट सीजन में लोग घूमने के लिए बाहर निकल रहे हैं, लेकिन स्मार्ट सिटी के अधूरे पड़े काम लोगों के लिए जाम की समस्या पैदा कर रहे हैं. देहरादून के मुख्य मार्गों पर नालियों और सड़कों के निर्माण के अधूरे पड़े काम के कारण ट्रैफिक जाम से सड़कों का आलम यह है कि टू व्हीलर और फोर व्हीलर वाहन चालकों के साथ-साथ पैदल चलने वाले राहगीरों का चलना भी मुश्किल हो रहा है. 10 मिनट के रास्ते के लिए लोगों को आधा-आधा घंटे जाम के झाम में फंसा रहना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का काम चलते हुए 5-6 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक देहरादून स्मार्ट सिटी का काम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा देहरादून का मुख्य बाजार पलटन बाजार आज तक स्मार्ट नहीं बन पाया है. इसके चैंबर टूटे हुए हैं और सड़कें टूटी हुई हैं, जिससे कई लोग गिर भी गए हैं. उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी से लेकर एसडीएम तक को हमने स्थिति को दिखाया. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का काम धीमी गति से चल रहा है. जिससे आमजन तो परेशान हैं ही बल्कि दूसरे राज्य से आने वाले टूरिस्ट भी खराब सड़कों के कारण जाम की समस्या और एक्सीडेंट के खतरे से परेशान हैं.
इन्वेस्टर्स समिट के लिए चमकाए शहर की फीकी पड़ती चमक
सुनील का कहना है कि इन्वेस्टर्स समिट के लिए रातों रात सड़कें और दीवारें चमका दी थी, लेकिन अब अधूरे पड़े काम शहर की चमक फीकी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि साल 2018 में राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी के काम शुरू हुए थे. साल 2018 से लेकर अब तक कई काम ऐसे हैं जो अधूरे पड़े हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत देहरादून के तमाम काम साल 2022 तक पूरे होने थे, लेकिन कोविड काल के चलते इन कार्यों की मियाद साल 2023 तक बढ़ा दी गई. लेकिन आज 2024 में भी यह काम अधूरे ही पड़े हैं. जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि स्मार्ट सिटी के काम साल 2024 में पूरे कर लिए जाएंगे.
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